आईआईटी दिल्ली में आदि कर्मयोगी स्टूडेंट चैप्टर्स का उद्घाटन, देशभर के लिए बना नोडल केंद्र

आईआईटी दिल्ली में आदि कर्मयोगी स्टूडेंट चैप्टर्स का उद्घाटन किया गया और इसे देशभर के लिए नोडल केंद्र घोषित किया गया। इस पहल का उद्देश्य आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाना और उन्हें शिक्षा, नवाचार तथा सामाजिक विकास के क्षेत्रों में नए अवसर प्रदान करना है।

आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए आईआईटी दिल्ली में आदि कर्मयोगी स्टूडेंट चैप्टर्स का उद्घाटन हुआ। इस कार्यक्रम के लिए आईआईटी दिल्ली के भगवान बिरसा मुंडा प्रकोष्ठ को देशभर के लिए नोडल केंद्र बनाया गया है।

इस संबंध में आईआईटी, आईआईएम, एम्स, एनआईटी सहित कई दूसरे संस्थानों में आदि कर्मयोगी स्टूडेंट चैप्टर्स की शुरुआत की गई है। इस मौके पर जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव विभु नायर, आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी सहित देशभर के प्रमुख संस्थानों के निदेशक और कुलपति उपस्थित रहे।

विभु नायर ने कहा कि आईआईटी, आईआईएम, एम्स, एनआईटी जैसे शीर्ष संस्थानों के छात्रों को आदिवासी समुदायों और विकास कार्यक्रमों से जोड़कर हम एक ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं जो भारत के शैक्षिक, सामाजिक और उद्यमशील परिदृश्य को नया आकार देगी।

आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने कहा कि आईआईटी दिल्ली को आदि कर्मयोगी स्टूडेंट चैप्टर्स के राष्ट्रीय उद्घाटन की मेजबानी करने पर गर्व है। यह मंच छात्रों को आदिवासी क्षेत्रों में मार्गदर्शन, नवाचार और सकारात्मक प्रभाव डालने का अवसर प्रदान करता है।

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