
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों में आरक्षण प्रस्तावों पर आपत्तियों की भरमार रहीं। 12 जिलों में तीन हजार से अधिक आपत्तियां मिली। देर रात तक इसके निपटारे के बाद आज आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। जिसे कल 19 जून को पंचायत निदेशालय और निदेशालय से शासन को उपलब्ध कराया जाएगा।
पंचायतों में आरक्षण प्रस्तावों के आज अंतिम प्रकाशन के बाद आरक्षण की स्थिति साफ हो जाएगी। यह तय हो जाएगा कि ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों में अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी के लिए पंचायत पद आरक्षित रहेगा या फिर सामान्य या महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ सकेगी।
इन जिलों में मिली थी इतनी आपत्तियां
त्रिस्तरीय पंचायतों में आरक्षण प्रस्तावों के अनंतिम प्रकाशन के बाद देहरादून जिले में लगभग 302, अल्मोड़ा में 294, पिथौरागढ़ में 277, चंपावत में 337, पौड़ी में 354, रुद्रप्रयाग में 90, चमोली में 213, उत्तरकाशी में 383 और टिहरी में करीब 297 आपत्तियां मिलीं।
आरक्षण प्रस्तावों पर लगी थी इस तरह की आपत्तियां
पंचायत चुनाव में आरक्षण प्रस्तावों पर कुछ ग्रामीणों का कहना था कि उनकी ग्राम पंचायत अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। जिसे सामान्य किया जाए। वहीं, कुछ का कहना था कि सामान्य के स्थान पर ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत को एससी, एसटी या ओबीसी के लिए आरक्षित किया जाए।