उत्तर प्रदेश में हैं 1000 स्किमर पक्षी, उत्तर प्रदेश में गंगा-यमुना व चंबल नदियों के किनारे प्रजनन करता है यह पक्षी

लखनऊ/महाकुम्भनगर: महाकुम्भ-2025 में जलवायु सम्मेलन व बर्ड फेस्टिवल को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। योगी सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग की देखरेख यह आयोजन होगा। 16 फरवरी को महाकुम्भ में ‘कुम्भ की आस्था व जलवायु परिवर्तन’ विषय पर जलवायु सम्मेलन होगा। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। सम्मेलन में धर्मगुरु, पर्यावरणविद्, अनेक सामाजिक संगठन, उद्योग व व्यापारिक जगत के साथ ही गणमान्य नागरिक भी रहेंगे। इसके अलावा संगम तट पर होने वाले बर्ड फेस्टिवल का मैसकट स्किमर पक्षी को बनाया गया है।

उत्तर प्रदेश में हैं 1000 स्किमर पक्षी

2025 में बर्ड फेस्टिवल का आयोजन महाकुम्भ में संगम तट पर किया जा रहा है। आस्था व संरक्षण के संगम की भावना से आयोजित होने वाले नेचर एवं बर्ड फेस्टिवल-2025 का मैसकट स्किमर पक्षी को बनाया गया है। भारतीय स्किमर नदियों के स्वास्थ्य का संकेत देने वाला महत्वपूर्ण पक्षी है। यह पक्षी नदी, झीलों और मुहानों के किनारे बसे दलदली क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी मुख्य विशेषता काले व सफेद पंखों के साथ नारंगी रंग की चोंच होती है, जिसका निचला भाग ऊपरी भाग से लंबा होता है। इससे यह पानी की सतह पर उड़ते हुए आसानी से शिकार पकड़ सकता है। इसीलिए स्थानीय भाषा में इस पक्षी को पंचीरा के नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश में यह पक्षी गंगा, यमुना व चंबल नदियों के किनारे प्रजनन करता है। उत्तर प्रदेश में स्किमर पक्षी की संख्या लगभग एक हजार है।

योगी सरकार के निर्देशन में अलग-अलग स्थानों पर निरंतर हो रहा आयोजन

योगी सरकार के निर्देशन में बर्ड फेस्टिवल का आयोजन निरंतर हो रहा है। हर बार यह आयोजन अलग-अलग स्थानों पर किया जा रहा है। 2017 में दुधवा टाइगर रिजर्व पीलीभीत, 2019 में नवाबगंज पक्षी बिहार उन्नाव, 2020 में सूरसरोवर पक्षी बिहार कीठम-आगरा, 2021 में ओखला पक्षी बिहार गौतमबुद्धर नगर में बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया गया। कोरोना के कारण 2022 में यह आयोजन नहीं हो सका। 2023 में विजय सागर पक्षी विहार, महोबा और 2024 में यह आयोजन सूरजपुर वेटलैंड में आयोजित किया गया। इस बार यह आयोजन महाकुम्भ, प्रयागराज में होगा।

प्रयागराज के आयोजन से पहले लखनऊ में हुआ कर्टेन रेजर

महाकुम्भ प्रयागराज में जलवायु सम्मेलन व बर्ड फेस्टिवल के पहले शनिवार को लखनऊ में कर्टन रेजर इवेंट आयोजित किया गया। इस दौरान वॉकथान में स्कूली बच्चों ने हिस्सा लिया। सुबह 1090 चौराहा से नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान तक वॉकथान निकला। आईटीबीपी बैंड ने कार्यक्रम में संगीत प्रस्तुत किया। चिड़ियाघर के सारस ऑडिटोरियम में मैस्कट व टीजर का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, अपर्णा यादव, प्रदान मुख्य वन संरक्षक व विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी आदि मौजूद रहे।

इस बार बर्ड फेस्टिवल का मैसकट इंडियन स्किमर है। संयोग से यह संगम में भी पाई जाती है। स्किमर के संवर्धन व संरक्षण पर सबका ध्यान आकृष्ट करने के लिए इसे बर्ड फेस्टिवल का मैसकट बनाया गया है। बर्ड फेस्टिवल की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। यह आयोजन अभूतपूर्व होगा।

ललित वर्मा, नोडल अधिकारी, बर्ड फेस्टिवल

Prisoners who are out on parole are required to meet certain conditions as part of the terms for their release. The first song describes the double murder of the unfaithful woman and her lover by the Stranger, who states "And they died with a smile on their faces".

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