किसी भी प्रारूप में गेंदबाजी में बदलाव नहीं करूँगा- राशिद

भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच ऐतिहासिक पहला टेस्ट 14 जून से बेंगलुरु में खेला जायगा. जिसके लिए 19 साल के राशिद अपने देश के पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में सब्र के इम्तिहान के लिए तैयार हैं. इस अफगानी बॉलर ने एक इंटरव्यू में कहा , ‘‘ टेस्ट क्रिकेट एकदिवसीय और टी 20 खेलने से बहुत ज्याद अलग नहीं है. मुझे चार दिवसीय मैचों में जब भी मौका मिला मैंने अच्छा प्रदर्शन किया. अगर मैं टेस्ट मैच के बारे में सोच कर अपनी गेंदबाजी में बदलाव करूंगा तो यह मेरे लिए शायद सही नहीं हो. मैं उसी रफ्तार से गेंदबाजी करूंगा जिससे अब तक करता आ रहा हूं. ’’   भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच ऐतिहासिक पहला टेस्ट 14 जून से बेंगलुरु में खेला जायगा. जिसके लिए 19 साल के राशिद अपने देश के पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में सब्र के इम्तिहान के लिए तैयार हैं. इस अफगानी बॉलर ने एक इंटरव्यू में कहा , ‘‘ टेस्ट क्रिकेट एकदिवसीय और टी 20 खेलने से बहुत ज्याद अलग नहीं है. मुझे चार दिवसीय मैचों में जब भी मौका मिला मैंने अच्छा प्रदर्शन किया. अगर मैं टेस्ट मैच के बारे में सोच कर अपनी गेंदबाजी में बदलाव करूंगा तो यह मेरे लिए शायद सही नहीं हो. मैं उसी रफ्तार से गेंदबाजी करूंगा जिससे अब तक करता आ रहा हूं. ’’         शुरू होने वाले इस टेस्ट से पहले उन्होंने कहा कि ‘‘ मुझे यह सुनिश्चित करना होगा कि मैं सब्र रखूं. मुझे पता है ऐसा भी समय होगा जब मुझे 20 ओवर तक कोई विकेट नहीं मिलेगा. और ऐसा भी हो सकता है कि मुझे दो ओवर में दो विकेट मिल जाए. यही टेस्ट क्रिकेट है’’ साथ ही आगे कहा ,यह सब्र का इम्तिहान होगा. इस बात की भी संभावना है कि मुझे विकेट ही नहीं मिले.      राशिद ने बताया कि मैं एक साल से घर नहीं गया हूं. मुझे अपने परिवार और दोस्तों की काफी कमी महसूस होती है. वहां धमाके की खबरों से मुझे काफी दुख होता है. मैंने उसमें अपने एक करीबी दोस्त को खो दिया. मैं इस बात से काफी आहात

शुरू होने वाले इस टेस्ट से पहले उन्होंने कहा कि ‘‘ मुझे यह सुनिश्चित करना होगा कि मैं सब्र रखूं. मुझे पता है ऐसा भी समय होगा जब मुझे 20 ओवर तक कोई विकेट नहीं मिलेगा. और ऐसा भी हो सकता है कि मुझे दो ओवर में दो विकेट मिल जाए. यही टेस्ट क्रिकेट है’’ साथ ही आगे कहा ,यह सब्र का इम्तिहान होगा. इस बात की भी संभावना है कि मुझे विकेट ही नहीं मिले. 

राशिद ने बताया कि मैं एक साल से घर नहीं गया हूं. मुझे अपने परिवार और दोस्तों की काफी कमी महसूस होती है. वहां धमाके की खबरों से मुझे काफी दुख होता है. मैंने उसमें अपने एक करीबी दोस्त को खो दिया. मैं इस बात से काफी आहात

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube