केजरीवाल जाएंगे चुनाव आयोग, यमुना में जहर मिलाने से जुड़े बयान पर देंगे जवाब

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के बीच केजरीवाल द्वारा यमुना नदी में जहर मिलाने वाले बयान के बाद से हरियाणा और दिल्ली की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। जिसके बाद चुनाव आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लिया। चुनाव आयोग ने केजरीवाल से इस पूरे मामले में सबूत भी मांगे थे। लेकिन, जो जवाब केजरीवाल द्वारा दिए गए, चुनाव आयोग उससे संतुष्ट नहीं है। चुनाव आयोग ने केजरीवाल को आरोप साबित करने का एक और मौका दिया है।

गुरुवार को आयोग ने कहा कि कौन सा पदार्थ, कितनी मात्रा में और किस प्रकार से पानी में मिलाया गया था, साथ ही यह भी पूछा है कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों का इस जहरीले पानी की पहचान में क्या योगदान था।

केजरीवाल ने कहा था कि यमुना के पानी में अमोनिया के स्तर को एक सुनियोजित तरीके से बढ़ाकर लोगों को जहर देने की तैयारी हो रही है। निर्वाचन आयोग ने केजरीवाल से यह भी अनुरोध किया है कि वे अमोनिया संदूषण और जहर देने के आरोपों के बीच अंतर को स्पष्ट करें और दोनों मुद्दों को एक साथ जोड़ने से बचें।

चुनाव आयोग ने अपने पत्र में लिखा है कि अरविंद केजरीवाल ने यह आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार ने जानबूझकर यमुना नदी में जहर घोला था, जिससे दिल्ली में नरसंहार की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। आयोग ने आपको 29 जनवरी तक इस बयान के बारे में तथ्यों और कानूनी पक्ष के साथ प्रमाण देने का समय दिया था। आयोग को जो जवाब के रूप में एक पत्र प्राप्त हुआ, उसमें कोई स्पष्टता नहीं दी गई थी।

देखने वाली बात होगी कि केजरीवाल चुनाव आयोग के सामने क्या जवाब देते हैं। क्योंकि, इस मामले पर उन्हें भाजपा और कांग्रेस की ओर से घेरा जा रहा है।

 

 

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