जनपद में कुल कितने हैं टीबी रोगी, जियो टैगिंग से हो रही तलाश

बाराबंकी। देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने के संकल्प को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में कोरोना काल में कोविड प्रोटोकाल के तहत टीबी मरीजों की तलाश जिला में जारी है। विभाग ने टीबी मरीजों की जियो टैगिग जारी की है। इसके तहत कर्मचारी टीबी मरीजों के घर जाकर उनकी लोकेशन निक्षय पोर्टल पर दर्ज की जा रही हैं। अब दस्तक अभियान के तहत जियो टैगिंग कार्य में तेजी आयी है ।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजीव दिक्षित का कहना है कि जनपद में करीब 2061 क्षय रोगी हैं। इन क्षय रोगियों के इलाज के लिए लगातार विशेषज्ञों की टीम आती रहती है। किसी भी क्षय रोगी के हालात जानने के लिए टीम के साथ स्थानीय डाट्स प्रोवाइडर को लगाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम के साथ ही अन्य टीम सीधे मरीजों के पास पहुंच सके और उसके बारे में जानकारी प्राप्त करके उसके इलाज का उचित प्रबंध किया जा सके, इसके लिए मरीजों की जियो टैगिग का काम चल रहा है। 31 जुलाई तक जनपद के सारे क्षय रोगियों की जियो टैगिग कर ली जाएगी।

क्या है जियो टैगिग :

जियो टैगिग ऐसी भौगोलिक जानकारी है जो फोटो, नक्शे और वीडियो के माध्यम से दर्शाई जाती है। इसका डाटा मरीज के संपर्क में रहने में मददगार साबित होता है। इनमें अन्य जानकारियों में जगह का नाम और क्षेत्र ही नहीं, बल्कि उसकी ऊंचाई और दूरी भी शामिल होती है। स्वास्थ्यकर्मी क्षय रोगियों की संपूर्ण जानकारी एकत्र करके उसे साफ्टवेयर पर अपलोड कर देंगे, जिसमें क्षय रोगी के घर का पता भी दर्ज करना होगा। इस साफ्टवेयर के द्वारा अधिकारियों को उपचार की जानकारी भी मिलती रहेगी। जिस क्षेत्र में अधिक क्षय रोगी होंगे। उसमें जांच का दायरा भी बढ़ाया जाएगा और लोगों को क्षय रोग के बारे में जागरूक भी किया जाएगा।

आरोग्य साथी एप होगा कारगर:

उन्होने बताया मरीजों के लिए आरोग्य साथी एप विकसित किया गया है। यह एक ऐसा प्लेटफार्म होगा जिस पर टीबी से जुड़ी हर जानकारी प्राप्त होगी। टीबी का मरीज यूजर आइडी का प्रयोग कर इस एप का प्रयोग सकेंगे। यही नहीं इसके जरिए क्षय रोगी इलाज से लेकर निक्षय पोषण योजना के तहत सरकार से मिलने वाली धनराशि की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। जो भी पंजीकृत रोगी होंगे उनके लिए यह एप एक पोर्टल की तरह कार्य करेगा। यही नहीं टीबी परीक्षण, उपचार विवरण, विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के तहत देय राशि का विवरण, स्वास्थ्य प्रदाता तक पहुंचने और उपचार या किसी भी जानकारी के लिए अनुरोध भी एप पर किया जा सकता है। टीबी की जांच, उपचार की नजदीकी सुविधा, बीमारी के जोखिम का आंकलन करने के लिए स्क्रीनिग टूल, पोषण संबंधी सहायता और परामर्श भी प्राप्त किया जा सकता है।

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