जस्टिस वर्मा को हटाने के लिए सरकार जुटा रही सांसदों के हस्ताक्षर

केंद्र सरकार ने जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए संसद में प्रस्ताव लाने के लिए सांसदों के हस्ताक्षर एकत्र करना शुरू कर दिया है। जस्टिस वर्मा आग लगने की घटना के बाद अपने आवास पर जले हुए नोटों की गड्डियां मिलने के बाद से विवादों में घिरे हुए हैं।

लोकसभा के कई सदस्यों के एकत्र किए गए हैं हस्ताक्षर
सूत्रों ने बताया कि महाभियोग प्रक्रिया के लिए लोकसभा के कई सदस्यों के हस्ताक्षर एकत्र कर लिए गए हैं, जो इस बात का संकेत है कि यह प्रस्ताव निचले सदन में पेश किया जा सकता है।

जस्टिस यशवंत वर्मा दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायाधीश थे
इस वर्ष मार्च में दिल्ली स्थित जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना के बाद बाहरी कक्ष में नकदी से भरी बोरियां मिली थीं। उस समय वह दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायाधीश थे। बाद में उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस भेज दिया गया था।

जस्टिस वर्मा ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के आदेश पर आंतरिक जांच में उन्हें दोषी ठहराया गया था। जस्टिस वर्मा ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है।

जांच समिति का निष्कर्ष है कि जस्टिस वर्मा और उनके परिवार के सदस्यों का उस स्टोररूम पर ”गुप्त या सक्रिय नियंत्रण” था। जो उन्हें हटाने की मांग के लिए कदाचार की गंभीरता को साबित करता है। उनके इस्तीफा देने से इन्कार करने के बाद जस्टिस खन्ना ने यह मामला राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास भेज दिया था।

वर्मा को हटाने का प्रस्ताव संसद सत्र लाया जाएगा
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वर्मा को हटाने का प्रस्ताव 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के अगले सत्र में लाया जाएगा। लोकसभा में ऐसे प्रस्ताव के लिए कम से कम 100 सांसदों के हस्ताक्षर आवश्यक हैं, जबकि राज्यसभा के लिए कम से कम 50 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होती है।

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