जानें, देश की पहली महिला टीचर से जुड़ी कुछ खास बातें

गुरु और शिष्य का रिश्ता सदा से ही सबसे उच्च रिश्ता माना जाता रहा हैं और ये भी कहा जाता है कि, गुरु के बिना लिया गया ज्ञान अधूरा होता है. आज हम आपको बताने जा रहे है सावित्रीबाई फुले के बारे में जो देश की पहली महिला टीचर थी. सावित्रीबाई फुले के बारे में आज हम आपको बताएँगे कुछ ऐसी ही बातें जो आप शायद ही जानते होंगे.

सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी, 1831 में महाराष्ट्र के सतारा में एक छोटा से गांव नायगांव में हुआ था. ख़ास बात यह है कि, सिर्फ 9 साल की उम्र में उनकी शादी 13 साल के ज्‍योतिराव फुले से कर दी गई थी. सावित्रीबाई एक ऐसी महिला थी जिन्होंने अपनी शिक्षा के साथ-साथ बाकी महिलाओं को भी शिक्षित करने का बीड़ा उठाया. उन्‍होंने 28 जनवरी 1853 को गर्भवती बलात्‍कार पीडि़तों के लिए बाल हत्‍या प्रतिबंधक गृह की स्‍थापना की. यही नहीं बल्कि, सावित्रीबाई फुले को भारत की पहली महिला अध्यापिका और नारी मुक्ति आंदोलन की पहली नेता कहा जाता है.

इसके अलावा सावित्रीबाई ने उन्नीसवीं सदी में छुआ-छूत, सतीप्रथा, बाल-विवाह और विधवा विवाह निषेध जैसी कुरीतियां के विरुद्ध अपने पति के साथ मिलकर काम किया. सावित्रीदेवी ने एक विधवा ब्राह्मण महिला को आत्‍महत्‍या करने से रोका साथ ही उसके नवजात बेटे को गोद लिया. उसका नाम यशवंत राव रखा और पढ़ा-लिखाकर उसे डॉक्‍टर बनाया. जानकारी के लिए बता दे कि, 10 मार्च 1897 को उनका निधन हुआ.

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube