डिजिटल पेमेंट सर्विस को बेहतर बनाने के लिए विदेश मंत्रालय _एसबीआई के बीच करार

( शाश्वत तिवारी) नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बीच भारतीय प्रवासी श्रमिकों, भर्ती एजेंटों (आरए) और ई-माइग्रेट पोर्टल के अन्य यूजर्स को एसबीआईई-पे नामक भुगतान गेटवे के माध्यम से एसबीआई की अतिरिक्त डिजिटल भुगतान सेवाएं प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन के माध्यम से, सभी भारतीय बैंकों के नेट बैंकिंग के माध्यम से यूपीआई, क्रेडिट/डेबिट कार्ड और एनईएफटी के जरिये भुगतान के लिए शून्य लेनदेन शुल्क के साथ विभिन्न उत्प्रवास संबंधी शुल्क का भुगतान संभव होगा। इससे भारतीय प्रवासी श्रमिकों के सुरक्षित और कानूनी प्रवास के दायरे को और अधिक सुविधाजनक बनाया जा सकेगा।

इस समझौता ज्ञापन पर मंत्रालय की ओर से संयुक्त सचिव (ओई और पीजीई) ब्रम्हा कुमार और एसबीआई की ओर से महाप्रबंधक (एनडब्ल्यू-आई) नीलेश द्विवेदी ने हस्ताक्षर किए। यह ई-माइग्रेट पोर्टल के साथ एसबीआईई-पे के सफल एकीकरण के बाद जल्द ही चालू हो जाएगा। मंत्रालय के अनुसार 2014 से ई-माइग्रेट परियोजना रोजगार के लिए उत्प्रवास जांच अपेक्षित (ईसीआर) देशों में जाने वाले भारतीय कामगारों के लिए काफी सहायक रही है। इसके लिए उत्प्रवास प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया गया है तथा विदेशी नियोक्ताओं (एफई), पंजीकृत आरए और प्रवासी भारतीय बीमा योजना (पीबीबीवाई) जारी करने वाली बीमा कंपनियों को एक साझा मंच पर लाया गया है, ताकि निर्बाध, सुरक्षित और कानूनी प्रवासन की सुविधा मिल सके। पोर्टल में ईसीएनआर श्रेणी के पासपोर्ट रखने वाले प्रवासियों के स्वैच्छिक पंजीकरण के लिए तंत्र भी है, जो विदेश में रोजगार के लिए आगे बढ़ रहे हैं।

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube