
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में रिकॉर्ड 19वीं बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराया। गांधी मैदान में परेड की सलामी लेने के पश्चात् 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडोत्तोलन किया। बिहारवासियों को मुख्यमंत्री ने कहा कि 79वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर, मैं समस्त बिहारवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं। मैं उन वीर जवानों को भी नमन करता हूँ जो बहादुरी से देश की सरहदों की सुरक्षा कर रहे हैं। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इतिहास इस बात का गवाह है कि बिहार ने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभायी। बिहार के लोगों ने हमेशा राष्ट्रनिर्माण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है और देश के लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब जानते हैं कि 24 नवंबर, वर्ष 2005 को हमारी सरकार बनी थी, सर्वप्रथम राज्य में कानून-व्यवस्था को ठीक किया गया। राज्य में कानून का राज बनाये रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वर्ष 2005 में बिहार में पुलिस बल की संख्या मात्र 42 हजार 481 थी, जो जरूरत के हिसाब से बहुत कम थी। शुरू से ही पुलिस बल की संख्या को बढ़ाने पर जोर दिया गया और वर्ष 2022 में पुलिस की संख्या बढ़कर 1 लाख 10 हजार हो गयी है। फिर वर्ष 2023 में पुलिस बल की संख्या को बढ़ाकर 2 लाख 29 हजार तय किया गया। अब पुलिस बल की संख्या 1 लाख 31 हजार हो गयी है और नियुक्ति तेजी से जारी है।
ज्यादा रोजगार देने वाले उद्योगों को मुफ्त में जमीन देगी नीतीश सरकार
मुख्यमंत्री ने नई घोषणायें करते हुये कहा कि राज्य में नौकरी के लिए आयोजित होने वाली प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षाओं में परीक्षा शुल्क को घटाकर मात्र 100 रुपये कर दिया जायेगा तथा मुख्य परीक्षा में कोई परीक्षा शुल्क नहीं लिया जायेगा। बिहार में नये उद्योग लगाने के लिए विशेष सहायता दी जायेगी जिसमें कैपिटल सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी तथा जीएसटी के लिए दिये जानेवाले प्रोत्साहन राशि को दोगुना किया जायेगा। उद्योग लगाने के लिए सभी जिलों में जमीन की व्यवस्था की जायेगी तथा ज्यादा रोजगार देने वाले उद्योगों को मुफ्त में जमीन दी जायेगी। उद्योग लगाने हेतु आवंटित भूमि से संबंधित विवादों को समाप्त किया जायेगा। यह सुविधा अगले 6 महीने में उद्योग लगानेवालों को दी जायेगी। राज्य के 7 जिलों क्रमशः किशनगंज, कटिहार, रोहतास, शिवहर लखीसराय, शेखपुरा एवं अरवल में नये मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल खोले जायेंगे। बिहार से बाहर रहनेवाले लोगों को दिवाली, छठ, होली के मौकों पर दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़ आदि शहरों से अपने घर आने के लिए राज्य सरकार द्वारा बड़ी संख्या में बसें चलायी जायेंगी ताकि उन्हें कोई असुविधा न हो। साथ ही पर्याप्त संख्या में विशेष ट्रेन चलाने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से बिहार का बजट लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2005-06 में नयी सरकार बनने के समय राज्य का बजट मात्र 28 हजार करोड़ रुपये ही था जिसे वर्ष 2006-07 में बढ़ाकर 34 हजार करोड़ रुपये किया गया और यह बढ़ते-बढ़ते अब 3 लाख 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है।
अब सरकारी शिक्षकों की संख्या 5 लाख 12 हजार हो गयी
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया गया है। पहले बहुत कम स्कूल थे और शिक्षकों की काफी कमी थी जिसके कारण स्कूलों में ठीक से पढ़ाई नहीं होती थी। बड़ी संख्या में नये स्कूल खोले गये और नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई। लड़कियों को बारहवीं पास करने पर 25 हजार रुपये तथा ग्रेजुएट पास होने पर 50 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। वर्ष 2023 से बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 2 लाख 58 हजार सरकारी शिक्षकों की बहाली की गयी है। वर्ष 2006 से स्थानीय निकायों के माध्यम से 3 लाख 68 हजार नियोजित शिक्षक बनें, जिसमें से बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 28 हजार 976 सरकारी शिक्षक बन गये और 3 लाख 39 हजार 24 नियोजित शिक्षक शेष बचे। फिर सरकार ने तय किया कि नियोजित शिक्षको को बीपीएससी की परीक्षा देने की जरूरत नहीं है. उन्हें मामूली सी परीक्षा लेकर, सरकारी शिक्षक बनाया जाय। इसके लिए उन्हें पांच मौके तय किये गये। अब तक दो परीक्षाओं का आयोजन हो चुका है। जिसमें 2 लाख 54 हजार नियोजित शिक्षक पास हो गये हैं। अब केवल 85 हजार शेष बच गये हैं। हाल ही में तीसरी परीक्षा का आयोजन हो गया है, उसका रिजल्ट नहीं आया है। इसके बाद 2 मौके और दिये जायेंगे। अब कुल मिलाकर सरकारी शिक्षकों की संख्या 5 लाख 12 हजार हो गयी है।
21 जिलों में नये मेडिकल कॉलेज बनाये जा रहे हैं
मुख्यमंत्री ने लालू-राबड़ी राज की याद दिलाते हुए कहा कि पहले स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत खराब थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज के लिए प्रतिमाह मात्र 39 मरीज ही आते थे यानी प्रतिदिन एक या दो मरीज आते थे। वर्ष 2006 से अस्पतालों में मुफ्त दवा और ईलाज की पूरी व्यवस्था की गयी है। अब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में हर महीने औसतन 11 हजार 600 मरीज आते है। उन्होंने कहा कि पहले मात्र 6 मेडिकल कॉलेज थे जिनकी संख्या अब 12 हो गयी है तथा 21 जिलों में नये मेडिकल कॉलेज बनाये जा रहे हैं, बचे 7 जिलों में भी मेडिकल कॉलेज बनाये जायेंगे। पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को 5 हजार 400 बेड तथा अन्य 5 पुराने मेडिकल कॉलेज को 2500 बेड का किया जा रहा है। साथ ही आईजीआईएमएस को तीन हजार बेड का बनाया जा रहा है।
विधान सभा चुनाव से पहले ही 50 लाख से अधिक नौकरी एवं रोजगार
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोगों की सरकार द्वारा युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। शुरू में 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गयी। फिर वर्ष 2020 में सात निश्चय-2 के तहत 10 लाख नौकरी एवं 10 लाख रोजगार देना तय किया गया। बाद में इसे बढ़ाकर तय किया गया कि 10 लाख नौकरी की जगह 12 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी तथा 10 लाख रोजगार की जगह 38 लाख रोजगार दे दिया जायेगा। यानी अब तक कुल मिलाकर 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार दे दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर लगातार काम कर रही है और वर्तमान तक लगभग 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। जहां तक रोजगार की बात है 39 लाख लोगों को रोजगार दे दिया जा चुका है। बिहार विधान सभा चुनाव से पहले ही 50 लाख से अधिक सरकारी नौकरी एवं रोजगार दे दिया जायेगा। अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देना तय किया गया है।
अब प्रखंड स्तर तक ‘दीदी की रसोई’ का संचालन किया जायेगा
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोगों ने महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया है। वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण से शुरुआत की गयी। अब तक चार चुनाव हो चुके हैं। बड़ी संख्या में महिलायें चुनकर आ रही हैं। वर्ष 2013 से पुलिस में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। अब बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है। वर्ष 2016 से महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल में सरकार ने कुछ नये कदम उठाये हैं जिससे सभी को काफी फायदा होगा। गाँवों में शादी समारोह आयोजित करने के लिए सही जगह उपलब्ध नहीं रहती है, इसे देखते हुये सरकार सभी पंचायतों में विवाह भवन का निर्माण करायेगी। इस पर 4 हजार 26 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जायेगी। इससे गरीबों को काफी कायदा होगा। जीविका दीदियों को बैंकों से ऋण के ब्याज को 10 से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। जीविका के सभी कर्मियों को मिलनेवाली राशि को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। अब प्रखंड स्तर तक ‘दीदी की रसोई’ का संचालन किया जायेगा। इसमें मिलनेवाले खाने की कीमत 40 रुपये को घटाकर 20 कर दिया गया है। पंचायत के सभी प्रतिनिधियों को मिलने वाली राशि को बढ़ाकर डेढ़ गुणा किया गया है। सभी वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवा महिलाओं को मिलने वाली पेंशन की राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 कर दिया गया है। इससे बड़ी संख्या में लोगों को कायदा होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में हर घर बिजली पहुंचा दी गयी। सरकार द्वारा शुरू से ही बहुत सस्ती दर पर बिजली दी गयी है। अब लगभग सभी घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली मुफ्त दी जा रही है। सरकार की तरफ से सभी इच्छुक लोगों के घरों पर सोलर लगाये जायेंगे। इससे सभी को बहुत फायदा होगा।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ
स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर 13 विभागों बिहार अग्निशमन सेवा, उद्योग विभाग, खेल विभाग, मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, कृषि विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, समाज कल्याण विभाग, विधि विभाग, शिक्षा विभाग, जीविका, श्रम संसाधन विभाग, पंचायती राज विभाग एवं ऊर्जा विभाग द्वारा झांकियां निकाली गईं। इसमें शिक्षा विभाग के अन्तर्गत बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। निदेशालय, बिहार अग्निशमन सेवा को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ जबकि कृषि विभाग के अन्तर्गत कृषि निदेशालय को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।