
दिल्ली सरकार ने आगामी बकरीद के मौके पर राजधानी में अवैध पशु कुर्बानी पर सख्त रुख अपनाते हुए एक कड़ी एडवाइजरी जारी की है। विकास मंत्री कपिल मिश्रा की ओर से जारी इस एडवाइजरी में स्पष्ट किया गया है कि गाय, बछड़े, ऊंट और अन्य प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी पूरी तरह गैरकानूनी है और इसके उल्लंघन पर त्वरित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एडवाइजरी में कहा गया है कि कुर्बानी केवल निर्धारित और अधिकृत स्थानों पर ही दी जा सकेगी। सार्वजनिक स्थलों, सड़कों या गलियों में बलि देना पूरी तरह वर्जित रहेगा। साथ ही, बलि की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करने पर भी पाबंदी लगाई गई है, जिससे धार्मिक भावना आहत होने या सामाजिक तनाव की स्थिति से बचा जा सके।
विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, “दिल्ली सरकार पशु कल्याण और स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। धार्मिक स्वतंत्रता के साथ-साथ कानून का पालन भी जरूरी है। किसी भी अवैध कुर्बानी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी अधिकारियों को इस बाबत स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं। एडवाइजरी में पशु क्रूरता अधिनियम, 1960, पशु परिवहन नियम, 1978, स्लॉटर हाउस नियम, 2001 और खाद्य सुरक्षा कानूनों का हवाला देते हुए बताया गया है कि ऊंट खाद्य पशु नहीं माना गया है और उसकी बलि गैरकानूनी है। इसी तरह, गर्भवती जानवरों, नवजात बच्चों के साथ पशु या बिना पशु-चिकित्सकीय प्रमाणन वाले जानवरों की हत्या पर भी रोक है।
गाय की कुर्बानी पर भी दिल्ली कृषि पशु संरक्षण अधिनियम, 1994 के तहत पूरी तरह प्रतिबंध है। इस एडवाइजरी की कॉपी जिलाधिकारियों, डीसीपी, एमसीडी आयुक्त और अन्य संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है, जिन्हें बकरीद के दौरान इन नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अवैध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित प्रशासन को दें और त्योहार को शांतिपूर्ण व कानूनी रूप से मनाएं।
बकरीद पर सार्वजनिक तौर पर पशु कुर्बानी पर रोक की मांग
नई दिल्ली। बकरीद (ईद-उल-अजहा) के मौके पर बकरों और अन्य पशुओं की सार्वजनिक कुर्बानी देने पर रोक लगाने की मांग उठी है। इस आशय का पत्र प्रदेश भाजपा के पूर्वांचल मोर्चा के उपाध्यक्ष आनंद त्रिवेदी ने पुलिस आयुक्त को लिखा है। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर सड़कों, गलियों और खुले स्थानों पर बकरे, ऊंट और भैंसों की कुर्बानी दी जाती है, जिससे नालियों में खून बहता है। इससे न केवल गंदगी और दुर्गंध फैलती है, बल्कि बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
उन्होंने गोवंश की हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध की भी मांग की। वहीं, दूसरी ओर एमसीडी ने अधिकृत स्थान गाजीपुर स्लॉटर हाउस में ही कुर्बानी देने की अपील की है। कहा कि इससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि एनजीटी के निर्देश का भी पालन होगा। एनजीटी ने यमुना नदी या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर खून बहाने से रोकने के लिए सख्त नियम तय किए हैं।