पीएम मोदी ब्रिटेन-मालदीव यात्रा पर होंगे रवाना, आज तैयार हो जाएगा एफटीए का मसौदा

पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम कीयर स्टार्मर के बीच गुरुवार को होने वाली बैठक से पहले भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम जुटी हुई है।

कोशिश है कि समझौते को लेकर बुधवार तक शुल्क से जुड़े समस्य मुद्दों पर अंतिम सहमति बन जाए ताकि दोनों प्रधानमंत्री जब द्विपक्षीय बैठक के लिए लंदन में मिले जो उनके समक्ष भारत-ब्रिटेन एफटीए के दस्तावेज पर भी हस्ताक्षर हो जाए।

भारत और ब्रिटेन के बीच FTA पर बनेगी बात
वैसे दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने छह मई, 2025 को ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि भारत व ब्रिटेन जल्द ही एफटीए पर हस्ताक्षर करेंगे। कारोबारी मुद्दे पर सहमति के बावजूद भारतीय प्रधानमंत्री ब्रिटिश नेताओं के समक्ष यह दो टूक साफ करेंगे कि रूस से तेल खरीद के मुद्दे पर ब्रिटेन की तरफ से लगाये गये प्रतिबंध को भापरत स्वीकार नहीं करेगा।

आज लंदन के लिए रवाना होंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी मंगलवार आधी रात (एक बजे) लंदन की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे। यह उनकी चौथी ब्रिटेन यात्रा होगी। इस बारे में जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच इस बारे में अंतिम सहमति को लेकर मई माह में ही बात हुई थी।

दोनों देशों के बीच एफटीए एक बेहद महत्वपूर्ण समझौता
भारत-ब्रिटेन एफटीए एक बेहद महत्वपूर्ण समझौता होगा। इसके बाद से ही दोनों पक्षों के बीच लगातार विमर्श हो रहा है। समझौते से जुड़े कुछ कानूनी मुद्दों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

जब मिसरी से पूछा गया कि कितने उत्पादों को शुल्कीय ढांचे से बाहर रखा जा रहा है तो उनका जवाब था, “जहां तक मेरी जानकारी है तो टैरिफ लाइन काफी महत्वपूर्ण होगी और बहुत कम उत्पादों को शुल्कीय ढांचे से बाहर रखा जाएगा।”

इन मुद्दों पर भी होगी बात
उन्होंने यह भी कहा कि भारत और ब्रिटेन के नेताओं के बीच रूस से ऊर्जा खरीद पर ब्रिटेन और यूरोपीय संघ की तरफ से लगाये गये नये प्रतिबंध पर बात होगी और यहां भारत पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि उसके लिए अपनी जनता की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना पहलीा प्राथमिकता है। और इस बारे में किसी तरह का दोहरा मानदंड नहीं होनी चाहिए।

यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने रूस पर लगाए कई प्रतिबंध
सनद रहे कि पिछले हफ्ते यूरोपीय संघ और ब्रिटेन की तरफ से रूस से ऊर्जा खरीद पर एकतरफा प्रतिबंध लगाने की घोषणा हुई है। इसमें रूस से तेल व गैस की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया गया है बल्कि रूस किस कीमत पर इनर्जी की बिक्री करेगा, इसकी कीमत घटा दी गई है। इससे ज्यादा कीमत देने वाले देशों पर भी प्रतिबंध लगाने की बात है।

इसमें भारत स्थित रूसी कंपनी रोसनेफ्त की एक रिफाइनरी पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। मिसरी ने कहा कि यूरोपीय देश सुरक्षा से जुड़े एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं लेकिन दुनिया के अन्य देश भी इस तरह की बेहद गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इस बारे में (प्रतिबंध लगाने को लेकर) कोई भी फैसला करने से पहले सभी मुद्दों को ध्यान में रखना चाहिए।

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