
गाजा में 23 महीने से जारी संघर्ष के बीच अब एक बार फिर शांति की उम्मीद दिखने लगी है। कारण है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संघर्ष को जल्दी खत्म करने के लिए नया प्रस्ताव रखा है। ऐसे में ट्रंप के इस पहल का फलस्तीन समेत कई इस्लामिक देशों ने स्वागत किया है। आइए जानते है कि कौन से देश ने क्या कहा?
इस्राइल और हमास के बीच पिछले 23 महीनों से चल रहे संघर्ष में गाजा की स्थिति दिन-प्रतिदिन और भयावह होती जा रही है। इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा इस संघर्ष को जल्दी खत्म करने के लिए रखा गया नया और विस्तृत संघर्ष विराम प्रस्ताव, गाजा समेत फलस्तीन भर के लोगों की आंखों में आशा की एक नई किरण लेकर आया है। ऐसे में ट्रंप के इन प्रयासों की सराहना फलस्तीन समेत कई इस्लामिक देशों ने की। मामले में फलस्तीन ने बयान जारी कर बताया कि फलस्तीन गाजा युद्ध को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के ईमानदार और दृढ़ प्रयासों का स्वागत करता है।
एक आधिकारिक बयान में फलस्तीन ने कहा कि वह गाजा युद्ध को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के ईमानदार और दृढ़ प्रयासों का स्वागत करता है। साथ ही ट्रंप को शांति की दिशा में रास्ता निकालने में सक्षम मानता है। बयान में यह भी कहा गया कि फलस्तीनी को विश्वास है कि ट्रंप इस संघर्ष को खत्म करने और टिकाऊ शांति स्थापित करने के लिए प्रभावी कदम उठा सकते हैं।
इन देशों के विदेश मंत्रियों ने भी की ट्रंप की सराहना
फलस्तीन ही नहीं ट्रंप के इस निर्णय का कतर, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, तुर्किये, सऊदी अरब और मिस्र के विदेश मंत्रियों ने भी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व और गाजा युद्ध को खत्म करने की उनकी कोशिशों का स्वागत किया है।
बता दें कि इन इस्लामिक देशों के विदेश मंत्रियों ने ट्रंप के उस प्रस्ताव की सराहना की जिसमें उन्होंने युद्ध खत्म करने, गाजा का पुनर्निर्माण करने, फलस्तीनी लोगों को बेघर होने से बचाने और पूरे क्षेत्र में शांति कायम करने की बात कही है। इसके साथ ही ट्रंप की तरफ से वेस्ट बैंक (पश्चिमी तट) के कब्जे को रोकने के वादे का भी समर्थन किया गया है। मामले में इन देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि वे अमेरिका और अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने और लागू करने के लिए तैयार हैं, ताकि क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता लाई जा सके।
ट्रंप ने समर्थन के लिए पाकिस्तान समेत सभी देशों को कहा धन्यवाद
वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनिर की गाजा शांति योजना का समर्थन करने के लिए प्रशंसा की। यह टिप्पणी उन्होंने व्हाइट हाउस द्वारा 20-बिंदुओं वाली गाजा शांति योजना की घोषणा के बाद प्रेस वार्ता में कही।
इस दौरान ट्रंप ने कहा कि उन्होंने सऊदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, तुर्की और इंडोनेशिया जैसे कई अरब और मुस्लिम देशों के नेताओं से बातचीत की है, जिन्होंने इस शांति योजना को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने इन सभी नेताओं का धन्यवाद किया और गाजा के पुनर्निर्माण के लिए उनके सहयोग की सराहना की।
संघर्ष खत्म करने के लिए क्या है ट्रंप की योजना?
गौरतलब है कि गाजा संघर्ष को खत्म करने के लिए ट्रंप प्रशासन ने भविष्य की व्यवस्था को लेकर 21 सूत्री योजना भी जारी की। साथ ही कहा, यदि दोनों पक्ष इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं तो गाजा में तत्काल युद्ध विराम लागू कर दिया जाएगा। इस दौरान हवाई और तोपखाने की बमबारी सहित सभी सैन्य अभियान स्थगित रहेंगे।
ट्रंप के शांति प्रस्ताव में क्या-क्या है?
ट्रंप के इस शांति प्रस्ताव में तत्काल युद्धविराम, 48 घंटों में बंधकों की रिहाई, गाजा से क्रमिक इस्राइली वापसी, हमास का शासन समाप्त करना और हथियार छोड़ना, गाजा में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल की तैनाती और नागरिक मामलों की देखरेख तकनीकी विशेषज्ञों की समिति द्वारा, बाद में पुनर्गठित फिलिस्तीनी प्राधिकरण को अधिकार जैसी बातें शामिल है।
ट्रंप के प्रस्ताव को विस्तार से समझिए
प्रस्ताव के अनुसार इस्राइल की सेनाएं अमेरिका व अन्य गारंटरों के बीच तय मानकों के आधार पर एक निश्चित समय सीमा के अंदर पीछे हट जाएंगीं। इस्राइल की ओर से इस समझौते को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किए जाने के 72 घंटे के अंदर हमास सभी बंधकों को जीवित या मृत अवस्था में इस्राइल को वापस करेगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि हमास की ओर से हर इस्राइली बंधक के अवशेष सौंपे जाने पर इस्राइल 15 गाजावासियों के अवशेष सौंपेगा। ट्रंप के प्रस्ताव के अनुसार अमेरिका, इस्राइल और फलस्तीनियों के बीच संवाद स्थापित करेगा ताकि शांतिपूर्ण और समृद्ध सह-अस्तित्व के लिए राजनीतिक सहमति बन सके।