राष्ट्रीय लोक अदालत मे 66,72,250 वाद हुए निस्तारित

लखनऊ। प्रदेश के लोगों को त्वरित एवं संतुष्टिजनक न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार के प्रयासों से शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। प्राप्त सूचना के अनुसार शाम 6 बजे तक उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत में 61,03,118 प्री. लिटिगेशन वाद, 5,69,132 लम्बित वाद समेत कुल 66,72,250 वादों को निस्तारित किया गया। लम्बित एवं प्री. लिटिगेशन वादों के निस्तारण की अन्तिम संख्या अभी प्रतीक्षित है। प्रशासन के सक्रिय सहयोग से प्रदेश के न्यायालयों, अधिकरणों द्वारा निस्तारित वादों की पूरी संख्या रविवार तक स्पष्ट होगी।

की गई थी लोक अदालत को सफल बनाने की अपील
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव संजय सिंह प्रथम ने बताया कि माननीय न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय/ कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण माननीय न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय/कार्यपालक अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में 9 दिसम्बर 2023 को उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गई। 5 दिसम्बर को माननीय न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय/ कार्यपालक अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के समस्त जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष व सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों, मोटर दुर्घटना ट्रिब्युनल, पारिवारिक न्यायालय, वाणिज्यिक न्यायालय व स्थायी लोक अदालत आदि के पीठासीन अधिकारियां से विशेष रूप से न्यायालयों में लम्बित मामलों के अधिक से अधिक संख्या में निस्तारण करने एवं राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने का आह्वान किया गया।

मुख्य सचिव की ओर से भी दिए गए थे आदेश
लोक अदालत को सफल बनाने के लिए सीएम योगी की मंशा के अनुरूप 5 दिसम्बर 2023 को मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन द्वारा समस्त जिलाधिकारी, अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध, अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन एवं सचिव, गृह, समस्त विशेष सचिव, गृह एवं समस्त मण्डलायुक्त, पुलिस आयुक्त, जोनल, अपर पुलिस महानिदेशकए परिक्षेत्रीय पुलिस महानिदेशक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षकगण आदि से जूम मीटिंग के माध्यम से राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकाधिक वादों के निस्तारण में आवश्यक सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया गया था।

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