व्यंग्य : मैं आई हूं यूपी बिहार लूटने….

नवेद शिकोह
नवेद शिकोह

एक कार्यक्रम में सौभाग्य भरे इत्तेफाक से लुप्त हो रही नौटंकी विधा का रसास्वादन हुआ। मज़ा आ गया।

मैं आई हूं यूपी-बिहार लूटने .. ये गीत गाकर नाच रही नटी से नट बोला- लग रहा है लोकसभा चुनाव 2024 के मंच पर भाजपा है तू। नटी बोली- तुझे जलन क्यों हो रही हे मुवे। यूपी के अस्सी मेरे और अब तो बिहार के चालीस भी मेरे। मंडल भी मेरा कमंडल भी मेरा। श्री राम भी मेरे, कर्पूरी ठाकुर भी मेरे। नीतीश भी मेरे। बिहार की नैया के मांझी भी मेरे, पासवान के चिराग भी मेरे। यूपी के पीले गमछे वाले राजभर भी मेरे, निषाद भी मेरे, पटेल भी… और अब देश भर के कुर्मी भी मेरे। ब्राह्मण,बनिया, ठाकुर तो पहले से ही मेरे हैं। यूपी भी मेरा,बिहार भी मेरा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश..सब मेरा।

नट- तो फिर मेरा क्या है ?

नटी- जा दक्षिण में कहीं सिर छिपा ले।

नट – दक्षिण भी कहां छोड़ रही है तू,वहां भी फन फैलाए बैठी हो, जहां तुम्हारा जलवा नहीं चलता वहां भी तो डोरे डाल रही हो !

नटी -सब हमारे आशिक है, पूरा देश हमारा है। तुम्हें क्यों जलन हो रही कलमुहे। नटी ने ये कहते हुए नट के सीने पर हाथ मारा तो नट जमीन पर गिर गया। दर्शकों में किसी ने हूटिंग की- इंडी गठबंधन है क्या,जो धड़ाम से गिर गया ?

दूसरा दर्शक बोला- इसे पप्पू से मिलवा दो। वो न्याय बांटता घूम रहा हैं। और इनके अपने गठबंधन के साथी न्याय ना पाकर गश खाकर गिरे पड़ रहे हैं।

तीसरा दर्शक बोला- भला हो मोटे भाई का, इससे पहले कि कोई गिरने वाला हो, वो इस्ट्रएचर लिए खड़े रहते हैं। ईडी, सीबीआई के पहिए वाला इस्ट्रएचर पहले कमलछाप साबुन से नहलाकर पवित्र करता है और ऑपरेशन लोटस की अपार सफलता का सिलसिला जारी रखता है।

नटी- ठीक तो है, हमारी छोटी सी शर्त है। कुवारे रहकर एकला चलो या हमारे साथ ब्याह करो।

दर्शक- जैसा कि दिल्ली में खांसी वाले और उनके पंजाब के साथी दारूवाला, यूपी के भइया और बंगाल की दीदी बहन जी की तरह एकला चलो की राह पर चल सकते हैं।‌

नटी- समझदार हैं ये लोग, इस मुवे की तरह (जमीन पर पड़े नट की तरह इशारा करते हुए) खड़गे.. ओह आज जबान बहुत फिसल रही है। गड्डे में नहीं गिरना चाहते हैं ये लोग।

नट उठ कर खड़ा होते हुए बोला- डायन कहीं कि तुझे बरसों पहले छुआ भर था और तूने ऐसे बदला लिया कि धक्का मारकर मुझे खंडित कर दिया।

नटी- नासपीटे याद रखना मैं सेर को सवा सेर का जवाब देती हूं। महाराष्ट्र और फिर बिहार में मेरे साथ रंगरलियां करने वालों ने मुझे धोखा देकर निकाह दूसरों से कर किया था। हलाला करवा कर दोनों को फिर अपना बना लिया। अब इन्हें जोरू का (अपना) गुलाम बनाऊंगी।

नट – शर्म करो नास पीटी,लज्जा नहीं आती। डायन भी सात घर छोड़कर डसती है, तू तो ऐसी डायन है कि अपनो को भी नहीं छोड़ती, तूने तो एमपी वाले अपनी मामा और राजस्थान वाली अपनी मामी को भी डसने में कसर नहीं छोड़ी।

नटी – जा-जा मेरा पीछा छोड़, पप्पू की न्याय यात्रा मे जाकर मेरे अन्याय को उजागर कर दे। मुझे कोई चिंता नहीं। राम कसम जनता हमपर भरोसा करती है, मेरी गारंटी पर भरोसे का दौर चल रहा है। कुछ तो है ना मुझमें जो तुझमें नहीं है। मेरी काबिलियत की गर्मी देखकर अब वो ठिठुर रहा है। पिछली बार जीरो डिग्री में हाफ टी-शर्ट में घूम रहा था। अब इलेक्ट्रिक हीटर में कोयले जला रहा है मूरख…

आडियंस हंसने लगी.. और पर्दा गिर गया।

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