आचार संहिता की अनदेखी पर हाईकोर्ट सख्त

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को लेकर हाईकोर्ट ने गंभीर चिंता जताई है। अदालत ने कहा कि हर साल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है और नियमों को बार-बार तोड़ा जाता है, लेकिन उस पर प्रभावी कार्रवाई नहीं दिखती।

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में लग्जरी गाड़ियों और ट्रैक्टरों के इस्तेमाल पर दिल्ली हाई कोर्ट ने गंभीर चिंता और नाराजगी व्यक्त की है। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया चुनाव में आदर्श आचार संहिता का

पालन नहीं हो रहा है। याचिकाकर्ता प्रशांत मनचंदा की ओर से पेश की गई तस्वीरों और वीडियो को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने टिप्पणी की है कि प्रचार में वाहनों, खासकर ट्रैक्टरों, के अत्यधिक उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती। इससे यातायात बाधित होता है और आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) प्रशासन को निर्देश दिया कि सू चुनाव शांतिपूर्ण, व्यवस्थित और बिना किसी अप्रिय घटना या संपत्ति को नुकसान पहुंचाए संपन्न कराए जाए। पीठ ने कहा, हर साल उम्मीदवार और उनके समर्थक प्रचार के उत्साह में नियमो ं का उल्लंघन करते हैं।

अदालत ने जोर देकर कहा कि उम्मीदवारों को लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप आचरण करना होगा, अन्यथा वे उन संस्थानों में अपेक्षित कार्य नहीं कर पाएंगे, जहां वे निर्वाचित होना चाहते हैं।

डीयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को अपर्याप्त बताते हुए अदालत ने डीयू को एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें यह बताया जाए कि चुनाव को व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए क्या कदम उ जा रहे हैं।

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