उपचुनाव: शिअद का गढ़ रहा तरनतारन, 1997 से 2012 तक रहा दबदबा…

पंजाब के तरनतारन उपचुनाव के लिए तारीख तय हो गई है। 11 नवंबर को मतदान होगा और 14 नवंबर को मतगणना होगी। आप, शिअद, भाजपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।

पंजाब का तरनतारन विधानसभा क्षेत्र कभी शिरोमणि अकाली दल का गढ़ रहा है मगर पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी ने यहां से शानदार जीत दर्ज की थी। हालांकि इस सीट से कांग्रेस भी एक बार जीत का स्वाद चख चुकी है। आप विधायक डॉ. कश्मीर सिंह सोहल के निधन के बाद अब यहां उपचुनाव करवाया जा रहा है। चुनावी बिगुल बज चुका है और 11 नवंबर को यहां उप चुनाव होंगे। जनादेश 14 नवंबर को आएगा।

चुनावी घोषणा के बाद हलके में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक दलों शिअद, आप, भाजपा व कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशी पहले ही घोषित कर रखे हैं और सभी क्षेत्र में प्रचार भी कर रहे हैं। शिअद से अलग हुई पंथक पार्टी भी यहां अपना प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। इसके लिए पार्टी ने एक कमेटी का गठन किया है, जो प्रत्याशी पर फैसला लेगी। बगावत के बाद यह पंथक दल इस सीट पर शिरोमणि अकाली दल के वोटबैंक में सेंधमारी कर मुश्किलें पैदा कर सकता है।

उधर शिअद ने इस क्षेत्र में राजनीति और समाज सेवा से जुड़े आजाद ग्रुप को अपने साथ मिला लिया है। इस ग्रुप ने इलाके में अपने करीब 40 सरपंच और 7 पार्षद जितवाएं हैं। इसी ग्रुप से जुड़ीं प्राचार्य सुखविंदर कौर रंधावा को शिअद ने इस बार अपना प्रत्याशी बनाया है। सुखविंदर कौर के पति धर्मी फौजी रहे हैं। उनका भी क्षेत्र में अच्छा प्रभाव था। इसका भी फायदा सुखविंदर को मिल सकता है।

सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस बार दलबदलू हरमीत सिंह संधू पर दांव खेला है। संधू 2002, 2007 व 2012 में विधायक रह चुके हैं। उन्होंने दो बार शिअद से चुनाव जीता और एक बार निर्दलीय (2002) चुनाव जीता था। साल 2017 व 2022 में वे हार गए थे। क्षेत्र में अच्छा रसूख रखने वाले इसी संधू को आप ने अब अपने साथ मिला लिया है और उन्हीं पर दांव खेल दिया है। पंथक दल के बाद संधू भी शिअद के लिए दूसरी बड़ी चुनौती बन सकते हैं। कांग्रेस ने किसान नेता करणबीर सिंह बुर्ज को मैदान में उतारा है। साल 2017 में कांग्रेस के डॉ. धर्मबीर अग्निहोत्री ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। अब पार्टी को बुर्ज से उम्मीदें हैं। नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के करीबी माने जाते हैं और कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। भाजपा ने तरनतारन के जिलाध्यक्ष हरजीत सिंह संधू को चुनावी समर में उतारा है। हरजीत पहले अकाली दल से जुड़े रहे हैं मगर साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली थी। क्षेत्र प्रभाव ठीक बताया जा रहा है और वे अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा के नजदीकी माने जाते हैं।

सीट पर कब्जा काबिज रखना चाह रही आप
तरनतारन सीट पर पहली बार साल 2022 में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कश्मीर सिंह सोहल ने जीत दर्ज की थी। साल 2017 में आप ने करतार सिंह पहलवान पर दांव खेला था मगर वह कांग्रेस के धर्मबीर अग्निहोत्री से कड़े मुकाबले में हार गए थे। आप इस सीट पर अपना कब्जा काबिज रखना चाहती है। तीन दिन पहले मुख्यमंत्री तरनतारन में एक कार्यक्रम के दौरान हरमीत सिंह संधू को आप का प्रत्याशी घोषित करके आए थे। सीएम ने तरनतारन की जनता से आह्वान किया था कि वे इस बार भी आप के प्रत्याशी को जितवा दें, उसके बाद वे देखेंगे कि तरनतारन में विकास की गति कैसे तेज होती है। उधर, उपचुनाव का रिकॉर्ड देखें तो आप के पक्ष में ही रहा। सूबे में हुए उपचुनाव में जालंधर वेस्ट विधानसभा चुनाव में आप के मोहिंदर भगत, डेरा बाबा नानक से गुरदीप सिंह रंधावा, चब्बेवाल से डाॅ. इशांक चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा से डिंपी ढिल्लों, बरनाला से हरिंदर सिंह धारीवाल और लुधियाना वेस्ट से संजीव अरोड़ा ने जीत दर्ज की थी। अब आप की निगाहें तरनतारन की सीट पर है।

Zeenat Aman, universally regarded as an actress with little merit, hopes that the film will, at last, show the world her histrionic ability. Seems to be that Swing doesn't works hard in the moment at new Astral 8, Mistral 7 covers very well the gap between Arcus 7 and Stratus 8. Interpretano il Liber, invece, come una condanna delle pratiche della vendetta, sia A. Likewise, any taxable distribution to beneficiaries is deductible by the trust.

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