कश्मीर में पूर्व CM समेत हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा किया जाएगा: गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को संसद की एक समिति को जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं और पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत हिरासत में लिए गए तमाम नेताओं को रिहा किया जाएगा. हालांकि इसके लिए उन्होंने कोई समय सीमा नहीं बताई. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली गृह मामलों की संसद की स्थाई समिति को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार और अन्य अधिकारियों ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हालात से अवगत कराया.

सूत्रों के मानें तो समिति के कुछ सदस्यों ने सरकारी अधिकारियों से कश्मीर जाने की मांग की थी लेकिन इस मांग को खारिज कर दिया गया. लोकसभा और राज्य सभा के सदस्यों ने सरकार के शीर्ष अधिकारियों से हिरासत में लिए गए नेताओं खासतौर पर तीन बार मुख्यमंत्री रहे और श्रीनगर से सांसद फारूख अब्दुल्ला के बारे में सवाल किए. जिन्हें 17 सितंबर को जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था.

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने संसदीय समिति को बताया कि जिन्हें जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है वे इसे अधिकृत न्यायाधिकरण में चुनौती दे सकते हैं और उसके आदेश से अंसतुष्ट होने पर उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं. अब्दुल्ला एकमात्र नेता हैं जिन्हें कश्मीर में पीएसए कानून के तहत हिरासत में रखा गया है.
सूत्रों के मुताबिक सांसदों ने लंबे समय तक अब्दुल्ला के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को लंबे समय तक हिरासत में रखने का विरोध किया. बता दें कि केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद से ये दोनों नेता हिरासत में हैं.

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