कहलगांव के पूर्व CO पर गिरी गाज, फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में आरोप पत्र गठित

भागलपुर के कहलगांव अंचल के तत्कालीन अंचलाधिकारी रहे रामावतार यादव पर अब विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक गई है। उन पर गलत जाति प्रमाण पत्र जारी करने के गंभीर आरोप में जांच के बाद आरोप पत्र गठित किया गया है। यह कार्रवाई भागलपुर के जिलाधिकारी के निर्देश पर की गई है। मामला नंदलालपुर पंचायत की मुखिया प्रतिमा कुमारी से जुड़ा है, जिन्हें फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव जीतने के कारण पहले अयोग्य ठहराकर पद से हटाया गया था। हालांकि बाद में पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर उन्हें पुनः बहाल कर दिया गया।

झारखंड की मूल निवासी को बिहार से मिला आरक्षित वर्ग का प्रमाण पत्र
इस पूरे प्रकरण की जड़ में वह जाति प्रमाण पत्र है, जो कहलगांव अंचल कार्यालय से प्रतिमा कुमारी के नाम पर निर्गत किया गया था। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि प्रतिमा कुमारी का स्थायी पता झारखंड के साहिबगंज जिले के जिरवाडी थाना क्षेत्र अंतर्गत मकरगढ मोहल्ला में है। उनके पिता सुरेश पासवान का भी वही पता दर्ज है। इसके बावजूद उन्हें बिहार में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने के लिए प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।

राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी द्वारा की गई जांच में पाया गया कि जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड और मतदाता सूची जैसे दस्तावेज भी साहिबगंज नगर परिषद से प्राप्त किए गए थे। इन तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि झूठे दस्तावेजों के आधार पर प्रमाण पत्र बनवाया गया, जिसमें अंचलाधिकारी की संलिप्तता सामने आई।

मुखिया पद से हटाने के बाद फिर बहाल
गत वर्ष 22 अगस्त 2024 को राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रतिमा कुमारी को अयोग्य ठहराते हुए मुखिया पद से पदमुक्त कर दिया था। इसके पीछे कारण था कि उन्होंने झूठा जाति प्रमाण पत्र लगाकर एससी के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और जीता। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वियों किरण देवी और प्रभा देवी ने आयोग में इस संबंध में याचिका दायर की थी और फर्जीवाड़े के प्रमाण प्रस्तुत किए थे।

इसके बाद निर्वाचन आयोग ने न केवल प्रतिमा देवी को पदमुक्त किया, बल्कि उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई और प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने का निर्देश भी जारी किया।

हालांकि प्रतिमा कुमारी ने इस फैसले को पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जहां से उन्हें राहत मिली। न्यायालय के आदेश के अनुपालन में सात अप्रैल 2025 को निर्वाचन आयोग ने उनकी बहाली का आदेश दिया। भागलपुर जिला पंचायती राज कार्यालय ने 16 अप्रैल को पत्र जारी कर उन्हें पदभार ग्रहण करने की स्वीकृति प्रदान की। फिर अगले दिन यानी 17 अप्रैल को बीडीओ राजीव रंजन द्वारा उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।

अब पूर्व सीओ के खिलाफ विधिवत कार्रवाई की तैयारी
इस मामले में कहलगांव के तत्कालीन सीओ रामावतार यादव की भूमिका को जांच में संदिग्ध पाया गया। पंचायती राज पदाधिकारी की रिपोर्ट और जिलाधिकारी के निर्देश पर उनके खिलाफ आरोप पत्र गठित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। इस पूरे मामले पर संपर्क किए जाने पर रामावतार यादव ने कहा कि वे इस कार्रवाई को अनुचित मानते हैं और भागलपुर जिलाधिकारी को आवेदन देकर इसे स्थगित करने की मांग करेंगे।

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