जनकपुर-अयोध्या के ऐतिहासिक संबंधों का साक्षी बनेगा श्रीराम का तिलकोत्सव

आयोजनकर्ता ने बताया कि सोमवार दोपहर दो बजे विधि विधान पूर्वक प्रारम्भ होने वाले इस धार्मिक अनुष्ठान में जनकपुर से आए लगभग 300 से अधिक तिलकहरू (शुभचिंतक) और विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रहेगी। यह आयोजन न केवल धार्मिक परंपराओं को सजीव करेगा, बल्कि भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूती प्रदान करेगा। इसकी तैयारियां जोरों पर हैं।

रामसेवक पुरम परिसर को इस विशेष अवसर के लिए भव्य रूप से सजाया गया है। परंपरागत रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक धरोहर को ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। जनकपुर से तिलकहरुओं का आगमन 16 नवंबर से ही प्रारंभ हो गया है। उनकी आवभगत और ठहरने की व्यवस्था कारसेवकपुरम, अभयदाता हनुमान आश्रम, विवेक सृष्टि, माता सरस्वती देवी मंदिर और तीर्थ क्षेत्र भवन में की गई है।

रामसेवक पुरम के मंच पर 18 वर्षीय युवक को प्रभु श्रीराम के स्वरूप में सज्जित किया जाएगा। श्रीराम स्वरूप को आटे से बने चौक या सिंहासन पर विराजमान किया जाएगा। जनकपुर से आए तिलकहरू परंपरागत वस्तुएं जैसे कांसे के बर्तन, पीली धोती, गमछा, करधनी, हल्दी, चंदन, धान, दूब, पान, इलायची, सुपारी, जनेऊ और चांदी के सिक्के लेकर आएंगे और इन्हें तिलक समारोह के दौरान प्रभु श्रीराम के स्वरूप को भेंट करेंगे।

तिलक समारोह में सीता जी के छोटे भाई के रूप में तिलक चढ़ाने की भूमिका जानकी मंदिर, जनकपुर के छोटे महंत रामरोशन दास जी निभाएंगे। वे वेदज्ञ आचार्यों के मंत्रोच्चार के बीच प्रभु श्रीराम के स्वरूप को तिलक अर्पित करेंगे। इस भव्य आयोजन में जनकपुर, मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह अपने आधा दर्जन मंत्रियों के साथ उपस्थित रहेंगे। जनकपुर के महापौर मनोज कुमार शाह और नेपाल के अन्य तीन महापौर भी इस धार्मिक आयोजन के साक्षी बनेंगे।

तिलकोत्सव के दौरान अयोध्या की महिलाओं की टोली अवध क्षेत्र के परंपरागत मांगलिक लोकगीत गाएगी, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाएगा। तिलकहरुओं के स्वागत में विशेष भोज का आयोजन किया जाएगा। इसमें स्वादिष्ट आलू टिक्की, पापड़ी चाट, छोला, चावल, पूड़ी, मिक्स सब्जी, रायता, पापड़ और हलवा जैसे व्यंजन परोसे जाएंगे।

 

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube