जीएसटी दर में बदलाव से अभिभावकों की जेब पर कम होगा बोझ

केंद्र सरकार ने 3 सितंबर को जीएसटी स्लैब में बदलाव की घोषणा की है। सरकार ने पेन-पेंसिल और नोटबुक जैसी स्टेशनरी पर लगने वाली जीएसटी को कम कर दिया है। इससे अभिभावकों की जेब पर भी पढ़ाई को बोझ थोड़ा कम होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर परिषद (GST Council) ने बुधवार को कर दरों में व्यापक कटौती की घोषणा की। केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पेंसिल, शार्पनर, रबर, मानचित्रों, चार्ट, ग्लोब और नोटबुक्स आदि जैसी स्टेशनरी पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर शून्य कर दी गई है।

इन चीजों पर शून्य टैक्स
केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन, पेस्टल, मैप्स, चार्ट, ग्लोब, प्रैक्टिस बुक्स और नोटबुक आदि पर टैक्स शून्य कर दिया गया है। इन वस्तुओं पर पहले 12 फीसदी टैक्स लगता था। इसके अलावा, रबर पर पहले 5 फीसदी टैक्स लगता था, इसे भी अब घटाकर शून्य कर दिया गया है।

इस बदलाव का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। इस निर्णय के बाद अभिभावकों पर बच्चों की पढ़ाई का बोझ थोड़ा कम हो जाएगा। उदाहरण के लिए यदि पहले आप 12 फीसदी कर के साथ एक ग्लोब 500 रुपये में खरीदते थे, तो अब वह कर मुक्त होने के बाद तकरीबन 446 रुपये का पड़ेगा।

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12 और 28 फीसदी वाला ढांचा खत्म
जीएसटी परिषद ने 12 और 28 फीसदी वाले कर ढांचों को खत्म कर दिया गया है। हालांकि, 5, 18 के पिछले स्लैब्स को बरकरार रखा गया है। वहीं, 40 फीसदी का एक नया कर ढांचा बनाया गया है

22 सितंबर से लागू होंगी नई कीमतें
जीएसटी परिषद ने मौजूदा चार प्रमुख स्लैब – 5%, 12%, 18% और 28% – की जगह 5% और 18% की दो-स्तरीय दर संरचना को भी मंजूरी दे दी है। ये बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे और कुछ वस्तुओं पर चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे।

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