पश्चिम बंगाल में पहली बार सेमेस्टर आधारित प्रणाली से हुई 12वीं की परीक्षा

पश्चिम बंगाल में पहली बार कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा सेमेस्टर आधारित प्रणाली से आयोजित की गई, जिसमें 6.6 लाख से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया। इनमें 56.03 प्रतिशत छात्राएं शामिल रहीं।

पश्चिम बंगाल में सोमवार से 12वीं बोर्ड की पहली सेमेस्टर आधारित परीक्षा शुरू हुई। इस एतिहासिक बदलाव के तहत करीब 6.6 लाख छात्रों ने परीक्षा में हिस्सा लिया, जिनमें 56.03 प्रतिशत छात्राएं शामिल रहीं।

पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद (WBCHSE) के अध्यक्ष चिरंजीब भट्टाचार्य ने बताया कि कक्षा 11 में सेमेस्टर प्रणाली से परीक्षा देने वाले छात्रों ने अब उसी प्रारूप में 12वीं बोर्ड की परीक्षा दी। यह राज्य की नई शिक्षा नीति के अनुरूप लागू किया गया है। परीक्षा 22 अगस्त तक चलेगी।

2,106 परीक्षा केंद्रों पर हुईं परीक्षाएं
परीक्षा सुबह 10 बजे से 11:15 बजे तक आयोजित हुई और पूरे राज्य में 2,106 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षाएं हुईं। इनमें से 122 केंद्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया। परीक्षा में नकल रोकने के लिए सख्ती बरती गई और सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, जिनमें मोबाइल फोन भी शामिल हैं, पूरी तरह प्रतिबंधित रहे।

भट्टाचार्य ने बताया कि 1978 से चली आ रही वार्षिक प्रणाली का अंतिम बोर्ड एग्जाम इस साल मार्च में हुआ था। अब पहली बार छात्र नई सेमेस्टर प्रणाली में परीक्षा दे रहे हैं।

नई प्रणाली के मुताबिक
नई परीक्षा प्रणाली के तहत पहले और तीसरे सेमेस्टर में केवल बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) पूछे जाएंगे। इसका उद्देश्य छात्रों की तर्कशक्ति और विचार क्षमता को बढ़ावा देना है। वहीं, दूसरे और चौथे सेमेस्टर में शॉर्ट आंसर क्वेश्चन (SAQ) और डेवलपमेंट क्वोटिएंट (DQ) शामिल होंगे, ताकि छात्रों की लिखने और अभिव्यक्ति की क्षमता भी बरकरार रहे। इस संतुलित प्रारूप से विद्यार्थियों को सोचने-समझने के साथ-साथ लेखन कौशल विकसित करने का अवसर मिलेगा। यह बदलाव राज्य के शिक्षा ढांचे में एक बड़ा कदम माना जा रहा है और छात्रों के समग्र विकास की दिशा में इसे महत्वपूर्ण पहल समझा जा रहा है।

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