पाकिस्तानी अधिकारियों पर लगे वीजा प्रतिबंध, 42 अमेरिकी सांसदों ने लिखा पत्र

अमेरिकी कांग्रेस के 42 सदस्यों ने विदेश मंत्री को पत्र लिखकर पाकिस्तानी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध और संपत्ति फ्रीज करने की मांग की है। सांसदों का आरोप है कि पाकिस्तान की सेना-समर्थित सरकार अमेरिका में रहने वाले आलोचकों को निशाना बना रही है। विपक्षी नेताओं को हिरासत में रखा जा रहा है, पत्रकारों को धमकाया जा रहा है, और आम नागरिकों को सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया जा रहा है।

अमेरिकी कांग्रेस के 42 सदस्यों ने विदेश मंत्री मार्को रूबियो को पत्र लिखकर पाकिस्तान के शीर्ष अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध और संपत्ति फ्रीज जैसे कड़े कदम उठाने की मांग की है।

डेमोक्रेट सांसद प्रमिला जयपाल और ग्रेग केसर के नेतृत्व में लिखे गए इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि पाकिस्तान की सेना-समर्थित सरकार “अंतरराष्ट्रीय दमन” के जरिये अमेरिका में रहने वाले आलोचकों और उनके परिवारों को निशाना बना रही है।

सांसदों ने कहा कि पाकिस्तान की सैन्य प्रतिष्ठान की आलोचना करने वाले अमेरिकी नागरिकों को धमकियों, उत्पीड़न और उनके परिजनों के अपहरण जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ा है। पत्र में वर्जीनिया स्थित पत्रकार अहमद नूरानी और पाकिस्तानी-अमेरिकी कलाकार सलमान अहमद के परिजनों के अपहरण के मामलों का हवाला भी दिया गया।

सांसदों ने क्या चेतावनी दी

सांसदों ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान गंभीर तानाशाही संकट से गुजर रहा है। विपक्षी नेताओं को बिना आरोप के हिरासत में रखा जा रहा है, पत्रकारों को धमकाकर देश छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है और आम नागरिकों को सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया जा रहा है।

विशेष तौर पर महिलाओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों और बलूच समुदाय पर अत्यधिक दमन का आरोप लगाया गया है।पत्र में पाकिस्तान के 2024 आम चुनावों में हुई अनियमितताओं और स्वतंत्र ‘पट्टन रिपोर्ट’ में उजागर तथ्यों का भी उल्लेख किया गया है। सांसदों ने कहा कि चुनावों के बाद नागरिक सरकार “सेना की कठपुतली” बन चुकी है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नागरिकों को सैन्य अदालतों में मुकदमे का रास्ता देना न्यायिक स्वतन्त्रता खत्म करने के समान है।

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