
भारत और अमेरिका के संबंध तनावपूर्ण तब हो गए जब राष्ट्रपति ट्रंप ने अतरिक्त टैरिफ की घोषणा की। ऐसे में मोदी-ट्रंप की मुलाकात की संभावनाओं पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात तय समय पर होगी। अधिकारी ने कहा कि क्वाड बैठक की तैयारियां भी जोरों पर हैं और द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक रफ्तार जारी है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अतरिक्त टैरिफ के चलते भारत और अमेरिका के संबंधों में इन दिनों तनाव का माहौल देखने को मिला है। ऐसे में अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने भारत और अमेरिका के मजबूत संबंध पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात तय समय पर होगी। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के रिश्ते मजबूत हैं, भले ही बीच-बीच में कुछ तनाव आया हो। अधिकारी ने भारत को अमेरिका का भविष्य का साझेदार बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ता रहेगा।
क्वाड नेताओं का अगली बैठक पर भी तैयारी तेज
अमेरिकी अधिकारी ने पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात का जिक्र करने के बाद क्वाड नेताओं के मुलाकात को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि क्वाड नेताओं की अगली बैठक की तारीख तय करने पर भी काम चल रहा है, जो या तो इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में हो सकती है।
भारत-अमेरिका के रिश्ते में सकारात्मक रफ्तार पर जोर
अधिकारी ने आगे कहा कि पीएम मोदी और ट्रंप की बहुत सकारात्मक आपसी समझ है। क्वाड शिखर सम्मेलन की तैयारियां चल रही हैं और सही समय आने पर यह जरूर होगा। अमेरिका-भारत रिश्तों में आगे भी सकारात्मक रफ्तार देखने को मिलेगी।
बता दें कि इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका और भारत के बीच तनाव की वजह से राष्ट्रपति ट्रंप क्वाड बैठक के लिए भारत नहीं आना चाहते। लेकिन अब इन अटकलों को दरकिनार करते हुए अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों के रिश्तों में काफी सुधार हुआ है।
रूस से तेल खरीद मामले में भी चल रही बातचीत
अधिकारी ने बताया कि भारत द्वारा रूस से तेल और गैस खरीदने को लेकर दोनों देशों के बीच कुछ मतभेद जरूर हैं, लेकिन इस पर उच्च स्तरीय बातचीत जारी है। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मामले में जल्द समाधान निकलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इस मसले पर अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीयर और विदेश मंत्री मार्को रुबियो सीधे जुड़े हुए हैं। ध्यान रहे कि हाल ही में न्यूयॉर्क में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो की मुलाकात में भी यह मुद्दा उठा था।
कश्मीर मुद्दे पर भी अमेरिका का बदला रुख
इसके साथ ही अमेरिकी अधिकारी ने ये भी साफ किया कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है और अमेरिका इसमें कोई मध्यस्थता नहीं करेगा। हालांकि, अगर भारत और पाकिस्तान दोनों चाहें, तो अमेरिका अपनी मदद देने की इच्छा जरूर रखता है। उन्होंने कहा कि यह अमेरिका की पुरानी नीति रही है कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान को आपस में सुलझाना चाहिए। राष्ट्रपति ट्रंप तब ही हस्तक्षेप करेंगे, अगर दोनों पक्ष उनसे मदद मांगेंगे। अभी उनके पास पहले से ही कई वैश्विक संकट हैं।