पुष्य नक्षत्र में किया गया स्नान करोड़ों अश्वमेध यज्ञ के समान फलदायी : शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज

महाकुंभ नगर। माघी पूर्णिमा के अवसर पर महाकुंभ नगरी में आस्था की डुबकी लगाने वालों का रेला लगा है। इस अवसर पर वाराणसी स्थित सुमेर पीठ के शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने भी संगम में स्नान किया। इसके बाद उन्होंने इसे दिव्य और भव्य महाकुंभ बताया। उन्होंने कहा कि इस पुष्य नक्षत्र में किया गया स्नान करोड़ों अश्वमेध यज्ञ के समान फलदायी होता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि उनका प्रशासनिक प्रबंधन अत्यंत श्रेष्ठ है।

शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, “यह स्नान दिव्यता की अनुभूति कराता है और नकारात्मकता को समाप्त करता है। भगवत प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। अश्वमेध यज्ञ, गोमेद यज्ञ और सहस्र यज्ञ का जो फल प्राप्त होता है, वही पुण्य माघ पूर्णिमा के स्नान से मिलता है। यह स्नान मोक्षदायी है और मानव जीवन के कल्याण का आधार बनता है।”

उन्होंने आगे कहा कि त्रिवेणी माता और भगवान विश्वनाथ से वह प्रार्थना करते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दीर्घायु प्रदान करें और वे भविष्य में पूरे देश की बागडोर संभालें। उन्होंने योगी आदित्यनाथ की तुलना भगवान भास्कर से करते हुए कहा कि जैसे सूर्य के उदय से अंधकार समाप्त हो जाता है, वैसे ही उनके शासन में करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा पा रहे हैं।

शंकराचार्य ने कहा कि कुंभ मेला इस बार बेहद उत्तम और दिव्य स्वरूप में आयोजित किया गया है, लेकिन कुछ शक्तियां इसे बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि “कुछ राहु-केतु उनके खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं, लेकिन उनका अंत निश्चित है।”

उन्होंने माघ पूर्णिमा के महत्व को समझाते हुए कहा कि कल्पवासियों के लिए यह स्नान पूर्णता का प्रतीक है और इस दिन त्रिवेणी में डुबकी लगाने से करोड़ों अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।

 

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