मध्यप्रदेश में पारा लुढ़का, आज 6 जिलों में शीतलहर का अलर्ट

उत्तरी भारत के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी का प्रभाव अब मध्यप्रदेश पर साफ दिखाई दे रहा है। बीते 24 घंटे में प्रदेश का सबसे ठंडा शहर शाजापुर रहा, जहां न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं भोपाल, इंदौर, जबलपुर और उज्जैन सहित 15 शहरों में रात का पारा 10 डिग्री से नीचे चला गया। गुरुवार को राजधानी भोपाल और इंदौर समेत छह जिलों में शीतलहर चलने की चेतावनी है।

आज इन जिलों में चलेगी शीतलहर
गुरुवार को भोपाल, इंदौर, देवास, सीहोर, शाजापुर और राजगढ़ में शीतलहर की स्थिति बनी रहेगी। इससे पहले भी भोपाल, इंदौर, राजगढ़, शाजापुर, सीहोर, खंडवा, खरगोन, शहडोल और जबलपुर में बर्फीली हवा चली। शाजापुर में दिन के समय ‘कोल्ड डे’ की स्थिति रही।

पहले हफ्ते से ही जमाने वाली ठंड
इस बार नवंबर की शुरुआत से ही प्रदेश में कड़ाके की ठंड बनी हुई है। रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। भोपाल में नवंबर की सर्दी पिछले 84 साल का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है, जबकि इंदौर ने पिछले 25 वर्ष की सबसे ठंडी नवंबर रात देखी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि नवंबर भर ठंड का दौर जारी रहेगा। दो दिन तक शीतलहर का प्रभाव और तेज रहेगा, जिसके बाद मामूली राहत की उम्मीद है।

कई शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे
मंगलवार-बुधवार की रात प्रदेश के 15 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा। राजगढ़ 6.5 डिग्री के साथ सबसे ठंडा रहा। भोपाल में 7.8 डिग्री, इंदौर में 6.9 डिग्री, ग्वालियर 10.7 डिग्री, उज्जैन 9.5 डिग्री और जबलपुर 9.9 डिग्री पर रिकॉर्ड हुआ। पचमढ़ी में पारा 6.6 डिग्री, नौगांव में 8 डिग्री, शिवपुरी 9 डिग्री, खरगोन 9.4 डिग्री, जबकि छिंदवाड़ा-मलाजखंड में 9.6 डिग्री और रीवा में 9.8 डिग्री रहा। अन्य शहरों में तापमान 10 से 13 डिग्री के बीच दर्ज किया गया।

22 नवंबर को बनेगा नया लो प्रेशर सिस्टम
22 नवंबर से दक्षिण-पूर्वी खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र सक्रिय होने वाला है। इसके पहले प्रदेश में दो दिन तक शीतलहर की स्थिति बनी रहेगी। पिछले 10 वर्षों में नवंबर में ठंड के साथ बारिश का रुझान देखने को मिला है। इस बार भी मौसम उसी पैटर्न पर है। आमतौर पर नवंबर के दूसरे सप्ताह में सर्दी तेज होती है, लेकिन इस बार पहले ही हफ्ते से पारा तेजी से गिर रहा है। वहीं अक्टूबर माह में बारिश ने उम्मीद से अधिक प्रदर्शन किया। जहां सामान्य तौर पर 1.3 इंच बारिश होती है, वहीं इस बार 2.8 इंच पानी गिरा, जो 121% अधिक है।

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