महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं पर हुई पुष्पवर्षा, महादेव के जयकारों से गूंजी महाकुम्भ नगरी

महाकुम्भ नगर। अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर योगी सरकार ने संगम स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए उन पर हेलीकॉप्टर के जरिए पुष्पवर्षा कराई। पिछले सभी प्रमुख स्नान पर्वों पर सरकार फूलों की वर्षा करा चुकी है। इसी क्रम में बुधवार को महाशिवरात्रि पर भी इस परम्परा का पालन करते हुए 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्पवर्षा कराई गई। इसकी शुरुआत सुबह 8 बजे से ही हो गई, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम के विभिन्न तटों पर स्नान कर रहे थे। आसमान से गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम, हर हर महादेव, गंगा मइया और तीर्थराज के जयकारे लगाए। अपनी धार्मिक आस्था को सम्मान दिए जाने पर श्रद्धालुओं ने योगी सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

आसमान से बरसाई गई 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियां
महाशिवरात्रि का स्नान पर्व दिव्य-भव्य महाकुम्भ-2025 का अंतिम महत्वपूर्ण स्नान है। मंगलवार-बुधवार की रात से ही संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। उपनिदेशक उद्यान, प्रयागराज मंडल कृष्ण मोहन चौधरी ने बताया कि श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुष्पवर्षा की तैयारी पहले ही कर ली गई थी। सभी श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा के लिए लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की व्यवस्था की गई थी।

सभी घाटों पर 5 से 6 बार हुई पुष्प वर्षा
पुष्प वर्षा के प्रभारी वीके सिंह ने बताया कि त्रिवेणी संगम स्थित स्नान घाटों पर 5 से 6 राउंड पुष्प वर्षा की गई। पहले राउंड का आयोजन सुबह 8 बजे से शुरू हुआ। इसके तहत, हेलीकॉप्टर के जरिए श्रद्धालुओं पर आकाश से पुष्प वर्षा की गई। यह नजारा न केवल श्रद्धालुओं के लिए अद्वितीय रहा, बल्कि महाकुम्भ की दिव्यता को और बढ़ाने वाला भी रहा। हर राउंड के लिए गुलाब की पंखुड़ियों को व्यवस्थित रूप से पहले से ही अलग-अलग तैयार कर रखा गया था।

अब तक 120 क्विंटल फूलों की हुई वर्षा
उन्होंने कहा कि योगी सरकार के निर्देश पर सभी अमृत स्नान और स्नान पर्व पर 20-20 क्विंटल पुष्पवर्षा कराई गई है। इस दौरान अबतक लगभग 120 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की व्यवस्था की गई थी। इस विशेष आयोजन के जरिए महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को एक नया अनुभव देने की कोशिश है। पुष्पवर्षा के जरिए श्रद्धालुओं को सम्मानित और स्वागत करते हुए उन्हें धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर माहौल प्रदान किया गया है।

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