विदेश में काम कर रहे भारतीयों को स्वदेश लौटने के लिए प्रोत्साहित कर रही सरकार

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने कहा कि सरकार विदेश में काम कर रहे भारतीयों को वापस लौटने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत अमृत काल में साहस के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार शासन में सुधार कर रही है और अब नियुक्तियों में डोमेन विशेषज्ञता और योग्यता को महत्व दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार विदेश में काम कर रहे भारतीयों को स्वदेश लौटने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत ‘अमृत काल’ के दौरान साहस और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।

सरकार ने शासन में सुधार शुरू कर दिए हैं और डोमेन विशेषज्ञता तथा योग्यता अब केंद्र सरकार एवं सरकारी कंपनियों में नियुक्तियों का मार्गदर्शन करती है। उनका यह बयान अमेरिकी सरकार द्वारा एच-1बी वीजा शुल्क में भारी वृद्धि के बाद आया है।

IIAM मुंबई पहुंचे थे पीके मिश्रा
पीके मिश्रा आईआईएम मुंबई के दूसरे वार्षिक दीक्षा समारोह में शामिल होने आए थे। कार्यक्रम से इतर, जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या सरकार विदेश में काम कर रहे भारतीयों को देश लौटने के लिए कह रही है तो उन्होंने कहा, ”हम उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं और यह हमारे क्षमता निर्माण आयोग का भी हिस्सा है।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जैसे संस्थान देश के विकास, वाणिज्य और शासन के लिए क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा, “बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध, यूक्रेन एवं पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां, कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी परिवर्तनकारी तकनीकों का प्रभाव, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान, संरक्षणवादी नीतियां और हाल ही में पारस्परिक शुल्क जैसी जटिलताओं और चुनौतियों के बीच, भारत साहस और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।”

बताया 2047 तक का लक्ष्य
उन्होंने कहा, “हम अमृत काल में हैं और प्रधानमंत्री ने 2047 तक विकसित भारत का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। आने वाले दशकों में भारत और दुनिया में दूरगामी परिवर्तन होंगे। पीएम मोदी चाहते हैं कि हम सभी सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन की प्रक्रिया के माध्यम से देश को अगले स्तर पर ले जाएं।”

उन्होंने कहा कि स्नातक छात्रों की 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत 100 से ज्यादा यूनिकार्न और 1.9 लाख स्टार्टअप के साथ एक वैश्विक नवाचार केंद्र बन गया है..आज हमारे पास एक फलता-फूलता स्टार्टअप इकोसिस्टम है, मगर अभी भी नवाचार की कमियां हैं। सरकार ने इस कमी को पहचाना है और इन बाधाओं को दूर करने के लिए विभिन्न पहल शुरू की है।

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