सरकारी खर्च में बढ़ोतरी और खपत में सुधार का दिखेगा असर, भारत की तीसरी तिमाही की जीडीपी में वृद्धि का रुख

नई दिल्ली। विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में भारत की जीडीपी में वृद्धि का रुख रहने की उम्मीद है और यह लगभग 6.3-6.4 प्रतिशत के दायरे में रहने की संभावना है। ऐसा मुख्य रूप से त्योहारी सीजन के दौरान सरकारी खर्च में वृद्धि और घरेलू खपत में सुधार के कारण होगा।

सरकारी पूंजीगत व्यय बढ़कर 2.7 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पहली दो तिमाहियों के औसत की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसमें आम चुनावों के कारण थोड़ी कमी आई थी।

एमपी फाइनेंशियल एडवाइजरी सर्विसेज के संस्थापक और प्रबंध साझेदार महेंद्र पाटिल ने कहा, इस वृद्धि का उद्देश्य घरेलू खपत के असमान रुझानों के बीच आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना था। निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई), जो जीडीपी का 58 प्रतिशत है, के दूसरी तिमाही (5.4 प्रतिशत) में नरमी के बाद तीसरी तिमाही में 6.4 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है, जिसे त्योहारी सीजन की मांग का लाभ मिलेगा।

अनुकूल मानसून और खरीफ फसल की अधिक पैदावार के कारण कृषि उत्पादन मजबूत रहा, जिससे ग्रामीण खपत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।

त्योहारों के मौसम के कारण अधिक खपत, अधिक सरकारी पूंजीगत व्यय और बेहतर कृषि-उत्पादन ने भी वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में सेवा क्षेत्र को मदद की। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में सेवाओं के निर्यात में भी वृद्धि देखी गई है।

एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.2-6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो कि बढ़ती मांग और पूंजीगत व्यय के रुझान के साथ-साथ भारतीय कंपनियों द्वारा दर्ज की गई ईबीआईडीटीए और कॉर्पोरेट जीवीए में वृद्धि के कारण है।

बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जीडीपी अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो कृषि, सरकारी खर्च और सेवाओं के सपोर्ट से मजबूत बनी हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में वृद्धि आर्थिक स्थिरता की एक प्रमुख वजह है, जबकि वित्तीय क्षेत्र और ग्रामीण मांग में लचीलापन दिखाई देता है।

हालांकि, लंंबे समय की जीडीपी स्थिरता आय वृद्धि, रोजगार सृजन और निजी क्षेत्र के निवेश पर निर्भर करती है।

विशेषज्ञों ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के लिए विकास का दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है, जिसे बड़े पैमाने पर सार्वजनिक व्यय, अनुकूल मानसून की स्थिति के कारण प्रमुख खरीफ फसलों में अधिक उत्पादन, सेवा क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन और सेवा निर्यात का सपोर्ट प्राप्त है।

 

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube