सारण में रोहिणी आचार्य की पॉलिटिकल एंट्री, किया रोड शो, BJP का तंज, बताया सिंगापुर की बहू

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा बिहार से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के नाम की घोषणा के बाद, उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय सिन्हा ने उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बेटी जो अब सिंगापुर चली गई है वह वहां से चुनाव लड़ेगी। उन्होंने लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “बिहार में बेटियों का कोई सम्मान नहीं है।” उन्होंने कहा कि बिहार के लोग तय करेंगे कि किसके साथ जाना है – वह जो बिहार के लिए प्रतिबद्ध है या वह जो सिंगापुर में काम करेगा।

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य, जो राजद उम्मीदवार के रूप में सारण लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं, आज अपना चुनाव अभियान शुरू किया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं जनता के बीच जा रही हूं। मुझे अपने माता-पिता और ससुराल वालों का आशीर्वाद मिला है। मैं वहां एक रोड शो करूंगी।” उनका मुकाबला भाजपा नेता और चार बार के लोकसभा सदस्य राजीव प्रताप रूडी से है। रोहिणी राजनीति में आने वाली लालू-राबड़ी परिवार की छठी सदस्य बन गई हैं। उनकी बड़ी बहन मीसा तीसरी बार पाटलिपुत्र निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं, जबकि भाई तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव विधायक और पूर्व मंत्री हैं।

सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता और पिता को किडनी दान करने के कारण हाल के दिनो में चर्चा में रहीं आचार्य ने मंगलवार को पटना से सारण के लिए रवाना होने से पहले माता-पिता (लालू प्रसाद और राबड़ी) के चरण स्पर्श किए और घर में बने मंदिरों में पूजा-अर्चना की। प्रचार अभियान के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए आचार्य ने कहा, ‘‘मैं सारण के लोगों से मिल रहे अपार प्यार और आशीर्वाद से अभिभूत हूं…। यहां के मतदाता जिस तरह से मुझसे मिल रहे हैं… उससे ऐसा लगता है जैसे कि एक बेटी अपने घर आई हो। मैं धन्य हूं…। यह (सारण) मेरे पिता की ‘कर्मभूमि’ रही है और अब यह मेरी कर्मभूमि होने जा रही है।”

सारण में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा। सारण से रोहिणी आचार्य को मैदान में उतारने के राजद के फैसले पर टिप्पणी करते हुए बिहार भाजपा अध्यक्ष और राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को पटना में संवाददाताओं से कहा, “अपने परिवार के सदस्यों को चुनावी राजनीति में उतारना राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पहचान रही है।…इसे कहते हैं ‘वंशवादी राजनीति’। वह (लालू) अब तक अपने दो बेटों और दो बेटियों को राजनीति में ला चुके हैं…अब देखते हैं कि उनकी बाकी पांच बेटियां, जो हमारी बहनें हैं, उन्हें कब राजनीति में लाते हैं।

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