सीहोर :मूंग खरीद की नई उपार्जन नीति स्पष्ट न होने से किसानों में रोष

सरकार ने अभी तक मूंग खरीदी को लेकर कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं की है, जिसे लेकर किसानों में रोष बना हुआ है। उनका कहना है कि सरकार ने 19 जून से 7 जुलाई तक मूंग खरीदी को लेकर पंजीयन कराए जाने की तिथि घोषित की है। किसानों से कितने क्विंटल मूंग खरीदा जाएगा, इसे लेकर अभी तक कोई भी निर्णय सामने नहीं आया है। किसानों ने कह कि सरकार को इसे स्पष्ट करना होगा। सरकार यह न समझे कि किसानों का आंदोलन खत्म हो गया है, बल्कि हमने अपना आंदोलन स्थगित किया है। यदि किसानों के साथ कोई अन्याय होगा तो पूरा समाज सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने से कोई परहेज नहीं करेगा।

कृषि उपज मंडी में आयोजित हुई किसान स्वराज संघ की बैठक के बाद किसानों ने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी को सौंपा। किसान संघ के गजेंद्र जाट, भगवान सिंह पटेल, विष्णु डोड ने बताया कि नर्मदापुरम में संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक आयोजित की जा चुकी है, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा समन्वय समिति का गठन किया गया है। प्रदेश भर के किसानों की इस समिति की अगली बैठक बड़वानी में अगले माह में होना निश्चित है।

भैरूंदा कृषि उपज मंडी में आयोजित बैठक में सरकार के द्वारा किसान हितैषी निर्णय लिए जाने को लेकर यही प्रमुख मांगों पर चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त बैठक में किसानों के द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। किसान संघ ने सरकार से मूंग खरीद के लिए नई उपार्जन नीति को अविलंब स्पष्ट करने की मांग की है, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति का सामना न करना पड़े। संघ ने प्रति हेक्टेयर 15 क्विंटल मूंग खरीदने की मांग की है। किसान संगठनों का मानना है कि यह किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए आवश्यक है। किसानों ने जल्द से जल्द मूंग खरीदी शुरू करने की मांग की है, जिससे उनकी उपज समय पर बिक सके। क्षेत्र में डीएपी और यूरिया उर्वरक की गंभीर किल्लत पर भी ज्ञापन में चिंता व्यक्त की गई है। किसानों ने सरकार से इन आवश्यक उर्वरकों की उपलब्धता निश्चित करने की मांग की है।

सामूहिक आंदोलन की चेतावनी
किसान संघ ने बताया कि हाल ही में नर्मदापुरम में प्रदेश के 26 किसान संगठनों की एक बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें मूंग खरीदी की स्पष्ट नीति सहित प्रति हेक्टेयर 15 क्विंटल खरीदी जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार किसानों की मांगों को पूरा नहीं करती है तो सभी संगठन मिलकर किसान हित में एक बड़ा आंदोलन करेंगे। बारिश के मौसम को देखते हुए, किसानों ने अधिक उपार्जन केंद्र स्थापित करने और सभी केंद्रों पर सर्वेयर के साथ एक किसान प्रतिनिधि नियुक्त करने की भी मांग की है, ताकि खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

खाद की किल्लत और व्यापारियों की मनमानी
ज्ञापन में डीएपी और यूरिया उर्वरक खाद की किल्लत को लेकर किसानों की परेशानी को प्रमुखता से उठाया गया। किसानों का कहना है कि खाद न मिलने के कारण उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है और विभागीय अधिकारी उनकी समस्या सुनने को तैयार नहीं हैं। किसान संघ ने यह भी सवाल उठाया कि जब सहकारी समितियों में खाद उपलब्ध नहीं है तो बाजार में निजी खाद बीज विक्रेताओं के पास यह कहां से आ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापारी किसानों को गुमराह कर गुणवत्ताविहीन खाद मनमाने दामों पर बेच रहे हैं। किसान संघ ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते खाद की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो बुवाई पर गहरा असर पड़ेगा। जिससे किसानों की पैदावार प्रभावित होगी।

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