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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा निर्वाचन आयोग

सुप्रीम कोर्ट की ओर से 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की दी गई समय सीमा को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने वैसे तो अपनी तैयारियां तेज कर दी है, लेकिन बीच-बीच में राज्य में देखने को मिल रही आतंकी घटनाओं ने उनकी चिंता भी बढ़ा रही है। वैसे भी राज्य में चुनाव के लिए सुरक्षा बंदोबस्त एक अहम मुद्दा है।

इस बीच आयोग से जो जानकारी मिल रही है, उसके तहत राज्य में मतदाता सूची को अंतिम रूप देने का काम तेजी से चल रहा है। आयोग इसे पूरा करने की अंतिम तारीख 20 अगस्त तय कर रखी है। ऐसे में माना जा रहा है कि इसके बाद कभी भी चुनाव कार्यक्रम का ऐलान हो सकता है। इस क्रम में आयोग ने अगस्त के पहले सप्ताह में राज्य में चुनावी तैयारियों की समीक्षा का कार्यक्रम भी रखा है। माना जा रहा है कि इसके बाद ही चुनाव कार्यक्रम घोषित किए जाएंगे।

20 अगस्त को हो सकता है चुनाव कार्यक्रम का एलान 

आयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो 30 सितंबर से पहले चुनाव कराने के लिए जरूरी है कि राज्य के चुनाव कार्यक्रम को 45 दिन पहले घोषित किया जाए। ऐसे में हर हाल में चुनाव कार्यक्रम का एलान 20 अगस्त के आसपास करना पड़ेगा।

प्रत्येक प्रत्याशियों की सुरक्षा के लिए लगाई जाएगी एक कंपनी

सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में जिस तरह से आतंकी घटनाएं बढ़ी हुई है, उसके बाद सुरक्षा को लेकर नए सिरे से चर्चाएं तेज हो गई है। वैसे भी राज्य में विधानसभा चुनाव कराने के लिए सुरक्षा बंदोबस्त को एक प्रोटोकाल है। जिसमें चुनावी मैदान में उतरे प्रत्येक प्रत्याशियों की सुरक्षा के लिए एक कंपनी लगाई जाती है। जिसमें 120 जवान होते है। जो प्रत्याशियों को घर से लेकर चुनाव प्रचार के दौरान सुरक्षा देते है। ऐसी स्थिति में यदि एक विधानसभा क्षेत्र से न्यूनतम 10 प्रत्याशी भी मैदान में होते है, तो एक ही विधानसभा में दस कंपनी को तैनाती देनी होती है।

राज्य में मौजूदा समय में 90 विधानसभा सीटें

ऐसे में राज्य में मौजूदा समय में 90 विधानसभा सीटें है। जिसके लिए सुरक्षा बलों की नौ सौ कंपनियों की जरूरत होगी। जो सिर्फ प्रत्याशियों की इफाजत करेगी। इसके अतिरिक्त मतदान केंद्र आदि की सुरक्षा में भी बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती की जरूरत होगी। गौरतलब है कि लद्दाख के अलग होने के बाद जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित राज्य में 83 विधानसभा सीटें ही बची थी। लेकिन परिसीमन के बाद अब इनकी संख्या बढ़कर 90 हो गई है।

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