उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने कारगिल युद्ध के वीर सपूतों को दी श्रद्धांजलि

कारगिल विजय दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सेंट्रल कमांड, कैंट, लखनऊ स्थित ‘स्मृतिका’ युद्ध स्मारक जाकर कारगिल युद्ध के महानायकों, माँ भारती के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि ”मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर जवानों का अदम्य साहस और अतुलनीय बलिदान देश सेवा के लिए सदा प्रेरणा प्रदान करता रहेगा।”

सीएम योगी ने कही ये बातें
सीएम योगी ने कहा कि 2017 में प्रदेश में हमारी सरकार बनने के बाद राज्य सरकार के नियमों में संशोधन करते हुए हम लोगों ने कुछ व्यवस्थाएं लागू की थीं। आज हम इसलिए अपनी प्रगति के मार्ग को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है, क्योंकि दिन-रात, सुबह-शाम, अपने घर से दूर, सम और विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए, हमारा नौजवान भारत की सीमाओं की रक्षा करते हुए पूरी दृढ़ता के साथ खड़ा है।”

सीएम ने किया बलिदान देने वाले वीर सपूतों के परिजनों को सम्मानित
सीएम योगी लखनऊ के कैंट स्थित सेंट्रल कमांड परिसर में आज कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आयोजित ‘रजत जयंती समारोह’ में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि ”देश की रक्षा हेतु कारगिल युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सपूतों के परिजनों को सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।” उन्होंने कारगिल विजय दिवस की बधाई देते हुए कहा कि जिन वीर नारियों और परिवारों ने कारगिल युद्ध में अपने परिवार के सदस्यों को खोया है, आज उन्हें सम्मानित कर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। सीएम योगी ने कहा कि दुनिया के अंदर भारत की पहचान जबरन एकाधिकार करने वाले देश की नहीं है।

शहीद के परिवार को दी जाती है 50 लाख की सहायताः योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ही के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘कारगिल विजय’ की घोषणा करके दुनिया के सामने भारत के जवानों के शौर्य और पराक्रम का लोहा मनवाया था। सीएम योगी ने कहा कि हमारा जवान किसी भी युद्ध या सीमा की सुरक्षा करते हुए शहीद होता है, तो राज्य सरकार की ओर उसके परिवार को आज 50 लाख रुपए की सहायता दी जा रही है। साथ ही उस परिवार के एक सदस्य की नौकरी भी व्यवस्था सुनिश्चित की है।

जानिए, कब हुआ था कारगिल युद्ध?
1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध हुआ था। 60 दिनों तक चले इस युद्ध में लगभग 300 से ज्यादा भारतीय जवान शहीद हो गए थे। अंत में आज ही के दिन 26 जुलाई को भारतीय सेना ने कारगिल पर विजय प्राप्त की थी। पाकिस्तान ने अपने सैनिकों को गुप्त रूप से भारत की सीमा में भेजकर ऊंची पहाड़ियों पर अपना कब्जा कर लिया था। उनका मकसद था कश्मीर और लद्दाख के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना को सियाचीन ग्लेशियर से हटा देना। हालांकि, पाकिस्तान के इस मंसूबे पर भारतीय सेना के जवानों ने पानी फेर दिया था।

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