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सिल्वर पर कस्टम ड्यूटी घटाने से युएई से आयात में आएगी कमी

वित्त वर्ष 25 के बजट में चांदी पर कस्टम ड्यूटी को 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने के फैसले से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से चांदी के आयात (Silver Imports) में हुई तेज वृद्धि पर अंकुश लग सकता है। इस कदम से सरकार को अस्थायी रूप से राहत मिल सकती है।

चांदी के आयात में तेजी
समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के तहत UAE से चांदी का आयात तेजी से बढ़ा है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में यूएई से चांदी का आयात बढ़कर 1.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 23 में यह केवल 1.12 करोड़ डॉलर था। मई में भारत में चांदी के आयात में दुबई की हिस्सेदारी 87 फीसदी थी।

CEPA समझौता
भारत और यूएई के बीच 2022 में CEPA समझौता हुआ था, जिसके तहत चांदी पर आयात शुल्क को धीरे-धीरे घटाकर 10 वर्षों में शून्य करने की योजना है। पहले सीईपीए के तहत यूएई से चांदी के आयात पर शुल्क 8 फीसदी था लेकिन अब इसे घटाकर 6 फीसदी कर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप, यूएई से चांदी का आयात अब उतना लाभकारी नहीं रह गया है।

सीईपीए के तहत शुल्क की दर
केंद्रीय इनडायरेक्ट टैक्स और सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल (Sanjay Kumar Agarwal) ने एक इंटरव्यू में बताया कि पात्र आभूषण विक्रेताओं को गिफ्ट सिटी के माध्यम से चांदी के आयात की मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा, “1 अप्रैल से सीईपीए के तहत शुल्क की दर 8 फीसदी हो गई और आयात पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इससे पहले यूएई से चांदी का आयात तेजी से बढ़ा था। अब सीमा शुल्क 6 फीसदी है और सीईपीए के तहत 8 फीसदी है, जिससे इस पर नियंत्रण पाया गया है।”

वित्त वर्ष 26 से 1 अप्रैल के बाद, सीईपीए के तहत यूएई से चांदी के आयात पर सीमा शुल्क 6 फीसदी हो जाएगा और सभी देशों के लिए एक समान दर होगी। इसके बाद, वित्त वर्ष 27 से यूएई के लिए सीमा शुल्क 5 फीसदी या उससे कम होगा, जिससे यूएई को अन्य देशों की तुलना में लाभ हो सकता है।

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