3000 एकड़ जमीन पर बनेगा ग्रेटर कानपुर, तीन औद्योगिक पार्क बनेंगे

कानपुर में नवी मुंबई की तर्ज पर ग्रेटर कानपुर योजना विकसित करने के लिए शनिवार को केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल सहित अन्य अधिकारियों ने प्रस्तावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। केडीए अधिकारियों ने वहां काश्तकारों से खरीदी जाने वाली जमीन की कीमत तय करने के लिए प्रशासनिक अफसरों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की। अमर उजाला ने ही सबसे पहले 29 जून को इस योजना की जानकारी प्रकाशित की थी।

निरीक्षण के बाद केडीए सचिव अभय कुमार पांडेय ने बताया कि भीमसेन और निर्माणाधीन आउटर रिंग रोड के बीच करीब 3000 एकड़ जमीन पर ग्रेटर कानपुर योजना विकसित की जाएगी। वहां कुछ जमीन प्राधिकरण की है जबकि शेष जमीन काश्तकारों से खरीदी जानी है। जमीन के बदले काश्तकारों को चार गुना मुआवजा दिया जाएगा।

जमीनों की कीमत आदि बिंदुओं पर विचार-विमर्श
इस संबंध में उनके साथ केडीए वीसी आदि की एडीएम वित्त, आईजी स्टांप, सब रजिस्ट्रार आदि के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग हुई, जिसमें जमीनों की कीमत आदि बिंदुओं पर विचार-विमर्श हुआ। योजना के लिए चिह्नित जामू सहित 11 गांवों की जमीन का टीएस और ग्राफिकल सर्वे होगा। ग्रेटर कानपुर भौंती से लगभग पांच किलोमीटर और भीमसेन रेलवे स्टेशन से दो किलोमीटर दूर होगा।

यह गांव होंगे शामिल
सेन पश्चिम पारा, सेन पूरब पारा, पतेहुरी, गोपालपुर, गंभीरपुर, कैथा, सरनेतपुर, डांडे का पुरवा, दुर्जनपुर, इटारा।

तीन औद्योगिक पार्क बनेंगे
योजना में ईवी पार्क, मेडिसिटी पार्क, एमएसएमई पार्क स्थापित होंगे। ईवी पार्क में इलेक्ट्रानिक्स वाहन बनेंगे। इनमें स्कूटी, बाइक, ई रिक्शा, ई ऑटो से लेकर लग्जरी कारें तक शामिल हैं। मेडिसिटी पार्क में दवाओं का निर्माण किया जाएगा। एमएसएमई पार्क में विभिन्न प्रकार के लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित होंगे। वेयर हाउस भी बनेंगे। इनमें करीब 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

आवासीय योजना भी आएगी
ग्रेटर कानपुर परियोजना के आवासीय क्षेत्र में मध्य व उच्च वर्ग के लिए एमआईजी से लेकर एचआईजी तक के प्लॉट, ग्रुप हाउसिंग, मल्टी स्टोरी बनाई जाएंगी। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के प्लॉट भी विकसित किए जाएंगे।

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