81 प्रतिशत भारतीय कंपनियों को पसंद आई पीएम इंटर्नशिप स्कीम, युवाओं को हुआ लाभ: रिपोर्ट

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम का 80 प्रतिशत से अधिक भारतीय कंपनियों ने समर्थन किया है। अपनी कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) पहलों को इस स्कीम के साथ जोड़ा है। यह जानकारी गुरुवार को एक रिपोर्ट में दी गई।

टीमलीज एडटेक की रिपोर्ट में कहा गया कि 932 कंपनियों से प्राप्त जानकारियों से पता चलता है कि भारत में युवाओं के लिए कौशल अंतराल को पाटने और रोजगार क्षमता को बढ़ाने में इंटर्नशिप की बड़ी भूमिका है।

रिपोर्ट में बताया गया कि 76 प्रतिशत से ज्यादा कंपनियां अपने इंटर्नशिप कार्यक्रमों में टेक्नोलॉजी से जुड़े रोल को प्राथमिकता दे रही हैं, जो उभरती हुई मांगों को पूरा करने के लिए डिजिटल रूप से कुशल प्रतिभाओं पर उद्योग के फोकस को दर्शाता है। इसके अलावा 73 प्रतिशत कंपनियां अपने इंटर्न में से कम से कम 10 प्रतिशत को कर्मचारियों के रूप में नियुक्त करने का इरादा रखती हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना को काफी समर्थन मिल रहा है और 81 प्रतिशत कंपनियां इसे सभी कॉरपोरेट्स तक बढ़ाने की वकालत कर रही हैं।

वहीं, 73 प्रतिशत कंपनियों ने माना है कि छोटी से मध्यम अवधि यानी एक से छह महीने की इंटर्नशिप कौशल विकास के लिए सबसे उचित है। 34.43 प्रतिशत कंपनियां अपने सीएसआर बजट का करीब 20 प्रतिशत तक इंटर्नशिप प्रोग्राम के लिए आवंटित किया है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 32.43 प्रतिशत कंपनियों ने कॉरपोरेट्स और यूनिवर्सिटीज के साथ साझेदारी करने की भी प्राथमिकता व्यक्त की है।

केंद्रीय बजट 2024-25 में शुरू की गई पीएम इंटर्नशिप योजना के तहत शीर्ष 500 कंपनियों को अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का अवसर देंगी।

इस स्कीम में प्रत्येक इंटर्न को 5,000 रुपये का मासिक स्टाइपेंड मिलता है, कंपनियों को इस स्टाइपेंड और संबंधित प्रशिक्षण लागतों के एक हिस्से को कवर करने के लिए सीएसआर फंड का उपयोग करने की अनुमति है।

फिलहाल इस स्कीम में बड़ी कंपनियों को टारगेट किया गया है। हालांकि, अब इस स्कीम का विस्तार छोटी कंपनियों तक करने को लेकर भी चर्चा चल रही है।

 

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