यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के पांच बिल्डरों ने जीरो पीरियड का मांगा लाभ

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में कुल 11 बिल्डर परियोजनाएं हैं। इनमें से छह परियोजनाओं ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ लेते हुए 25 प्रतिशत राशि जमा कर दी है।

इन छह परियोजनाओं में जनवरी तक 2500 से अधिक रजिस्ट्री होने का दावा किया गया है। हालांकि, पांच परियोजनाएं ऐसी हैं, जो एनसीएलटी या कोर्ट में विचाराधीन हैं। इन परियोजनाओं में करीब साढ़े चार हजार खरीदार फंसे हुए हैं और उन्हें अब तक कोई राहत नहीं मिल पाई है।

इन परियोजनाओं में सेक्टर-22डी स्थित ओरिस डेवलपर, सेक्टर-22डी सनवर्ल्ड इंफ्रास्ट्रक्चर, सेक्टर-22ए अजनारा इंडिया लिमिटेड, सेक्टर-22डी सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट लिमिटेड और सेक्टर-17ए सुपरटेक लिमिटेड शामिल हैं। इन पर प्राधिकरण का लगभग 2800 करोड़ रुपये का बकाया है। अब इन बिल्डरों ने प्राधिकरण से अमिताभ कांत समिति के तहत जीरो पीरियड का लाभ देने की अपील की है।

उनका दावा है कि यदि उन्हें यह लाभ मिलता है, तो वे अपने केस वापस ले लेंगे और बकाया राशि चुकाकर फंसे हुए खरीदारों को राहत देंगे। इस मामले में प्राधिकरण ने विचार करते हुए इस प्रस्ताव को अपनी आगामी बोर्ड बैठक में रखने का निर्णय लिया है। प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, यह प्रस्ताव अच्छा है, लेकिन इसका समाधान आसान नहीं होगा। ऐसे में, इस पर निर्णय बोर्ड बैठक में ही लिया जा सकता है।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी 20 से अधिक ऐसी परियोजनाएं हैं, जो एनसीएलटी या कोर्ट में विचाराधीन हैं। यदि यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इन पांच बिल्डरों को यह लाभ मिल जाता है, तो इससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्रोजेक्टों में फंसे हुए खरीदारों को भी राहत मिल सकती है।

 

It worked after a fashion, as Bran did survive but he lost the use of his legs. In a "frequently asked questions" section posted on its website after the initial March protest, Anderton Park wrote: "We are not promoting LGBT, just like we're not promoting being Christian, being black, being disabled or any other part of the Equality Act.

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