काठमांडू की हवा हुई खराब : एक्यूआई 275 के पार, मनीषा कोइराला ने जताई चिंता

नई दिल्ली। नेपाल में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, जो परेशानी का सबब है। अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर चिंता जाहिर की। काठमांडू का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 279 है, जो खराब श्रेणी में माना जाता है।

वायु प्रदूषण के कारण काठमांडू के निवासियों को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें श्वसन समस्याएं, हृदय रोग शामिल हैं। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को वायु प्रदूषण के प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील माना जाता है।

इंस्टाग्राम पर प्रदूषित शहर की एक तस्वीर को शेयर करते हुए अभिनेत्री ने कैप्शन में हैरत और चिंता वाले इमोजी डाले और अपनी चिंता व्यक्त की।

इस बीच, नेपाल में बढ़ते प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय ने बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और सांस संबंधी समस्याओं वाले व्यक्तियों से सावधानी बरतने का आग्रह किया। मंत्रालय ने जनता को सलाह दी है कि जब तक बहुत आवश्यक न हो, घर के अंदर ही रहें, बाहर निकलते समय मास्क पहनें तथा प्रदूषित क्षेत्रों में जाने से बचें। विशेषज्ञों के अनुसार नेपाल में बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह हाल ही में जंगलों में लगी आग है।

बता दें, नेपाल के काठमांडू में जन्मीं मनीषा एक रसूखदार राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता प्रकाश कोईराला नेपाल सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वहीं, उनके दादा बिश्वेशर प्रसाद कोईराला नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। भारत उनका कर्मक्षेत्र रहा है तो नेपाल जन्मभूमि। गाहे बगाहे वो अपनी जन्मभूमि की वादियों से रूबरू कराती रहती हैं।

ज्यादा दिन नहीं बीते जब उन्होंने नेपाल के पहाड़ों पर हाइकिंग (पैदल चलना) का एक पोस्ट शेयर किया था। अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर अपनी यात्रा की तस्वीरें शेयर की थीं, जिसमें वह नेपाल के घान्द्रुक इलाके में पैदल चलती नजर आई थीं। पोस्ट के साथ उन्होंने प्रकृति की खूबसूरती को बयां करते हुए कैप्शन में लिखा था, जैसे-जैसे दिन ढलने लगा, मैंने हिमालय पर सूर्यास्त देखा और इस अविस्मरणीय अनुभव के लिए आभार! गुरुंग समुदाय को धन्यवाद, जिन्होंने इस जगह को साफ रखा। यदि आपको कभी घान्द्रुक जाने का मौका मिले, तो जरूर जाएं!

एक अन्य पोस्ट में अभिनेत्री ने बताया था कि प्रकृति के बीच समय बिताकर आप खुद को रिचार्ज कर सकते हैं। उन्होंने लिखा, आज की सुबह प्रकृति के साथ फिर से जुड़ने का मौका मिला और एक हीलिंग पावर मिला। सरसराहट करने वाली पत्तियां, पक्षियों की चहचहाहट और ताजी मिट्टी की सुगंध मन और आत्मा को तरोताजा महसूस कराती है।

 

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