धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित है.. इस व्रत में, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं। इनमें शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और पंचामृत चढ़ाना, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करना, और शमी पत्र का उपयोग करना शामिल हैं मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते है और उन्हें शिव धाम की प्राप्ति होती है। प्रदोष व्रत की पूजा अपने शहर के सूर्यास्त होने के समय के अनुसार प्रदोष काल मे करनी चाहिए।
वैशाख शुक्ल प्रदोष व्रत: शुक्रवार, 9 मई 2025
शुक्र प्रदोष व्रत – अभीष्ट सिद्धि, चारो पदार्थो (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) प्राप्ति
प्रदोष काल – 7:01 PM से 9:08 PM
वैशाख शुक्ल त्रयोदशी तिथि : 9 मई 2025 2:56 PM – 10 मई 2025 5:29 PM
आईये जानते हैं प्रदोष व्रत पर किये जाने वाले अचूक उपाय
प्रदोष व्रत के उपाय
शिवलिंग पर अभिषेक: प्रदोष व्रत के दिन, शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद और पंचामृत से अभिषेक करें।
शिवलिंग पर अर्पित करें: शिवलिंग पर केसर मिश्रित जल अर्पित करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
बेलपत्र और धतूरा: भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें, जो उनके प्रिय हैं।
शमी पत्र: शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए, शमी पत्र को शिवलिंग पर अर्पित करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
माता पार्वती की पूजा: माता पार्वती को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
धूप, दीप और नैवेद्य: भगवान शिव को धूप, दीप और नैवेद्य (मीठा) अर्पित करें।
गरीबों को दान: प्रदोष व्रत के दिन, गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और अन्य चीजें दान करें।
सफेद वस्त्र: प्रदोष व्रत के दिन सफेद वस्त्र पहनकर पूजा करें।
पंचाक्षरी मंत्र: शिवलिंग पर चंदन से त्रिपुंड बनाएं और पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें।
शमी पत्र का उपाय: प्रदोष व्रत के दिन शमी पत्र को अपने साथ रखें और जो भी काम करें उसमें सफलता मिलेगी।
पितृ दोष और गृह दोष : इस दिन गौ माता की सेवा करने से पितृ दोष और गृह दोष का निवारण होता है।
नियमित रूप से व्रत: 11 या 26 त्रयोदशी तिथियों तक प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है।