दिल्ली बनेगा मेडिकल हब: सीएम रेखा का दावा, विदेशी भी आएंगे यहां

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने दावा किया है कि अब राजधानी को मेडिकल हब बनाया जाएगा। इसके लिए निजी और सरकारी अस्पताल मिलकर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।

दिल्ली को मेडिकल हब की तौर पर विकसित किया जाएगा। यह दावा है दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया है। सोमवार को मॉडल टाउन में एक निजी अस्पताल के उद्घाटन के दौरान सीएम ने कहा कि दिल्ली में निजी और सरकारी अस्पताल मिलकर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। हमारी कोशिश रहेगी एक ऐसी व्यवस्था विकसित की जाए जिससे विदेश से लोग भी दिल्ली में इलाज कराने के लिए आए। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार सात अधूरी अस्पताल परियोजनाओं को सुपर स्पेशलिटी आईसीयू केंद्रों में बदल रही है।

इन अस्पतालों में विभिन्न गंभीर बीमारियों के लिए विशेष इलाज की सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि मॉडल टाउन में शुरू हुआ नया निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत भी सेवाएं देगा। इससे समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं निशुल्क मिल सकेंगी।

वहीं अस्पताल के निदेशक यथार्थ त्यागी ने स्वास्थ्य सेवा कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि हर व्यक्ति का मूल अधिकार है। अस्पताल सरकार के साथ मिलकर लोगों को और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा देने का प्रयास करेगा। इस मौके पर सांसद प्रवीण खंडेलवाल, विधायक अशोक गोयल देवरा, राज कुमार भाटिया सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

पारदर्शी हो रही सुविधा
सीएम ने कहा कि सरकार सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार ही नहीं कर रही, बल्कि उसे सुलभ, पारदर्शी और जन-संवेदनशील भी बना रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों को बेहतर बनाकर हर अस्पताल को अलग बीमारी के इलाज के लिए समर्पित किया जाएगा। इसमें कैंसर, ट्रांसप्लांट, डिलीवरी के जटिल मामले सहित अन्य सुविधा शामिल होंगी। इसके अलावा आईसीयू बेड्स की कमी को भी दूर किया जाएगा।

गंभीर चुनौती से जुझ रहा है विभाग
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकारों के भ्रष्टाचार व विजन की कमी के चलते दिल्ली का स्वास्थ्य ढांचा अभी भी अनेक गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों में बिस्तरों की भारी कमी थी और कई लोगों को इलाज न मिलने के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी। उस समय प्रति 1,000 नागरिकों पर केवल 0.42 अस्पताल बेड उपलब्ध थे।

38 सरकारी अस्पतालों में केवल छह एमआरआई और 12 सीटी स्कैन मशीनें थीं, जो किसी भी महानगर के लिए बेहद चिंता की बात है। डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, दवाओं और आधुनिक उपकरणों की भारी कमी थी। ब इस कमी को दूर करने और अस्पतालों को अति आधुनिक बनाने के गंभीर प्रयास चल रहे हैं। दिल्ली के लोगों को चिकित्सा के क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube