दिल्ली: राजधानी में अब महिलाओं को रात्रि पाली में काम की आजादी

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली को कारोबारी हब बनाने के लिए महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है।

राष्ट्रीय राजधानी में महिलाएं अब दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में नाइट शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी। इसके लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने होंगे। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली को कारोबारी हब बनाने के लिए महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को बताया कि इस मुद्दे पर उनकी उपराज्यपाल वीके सक्सेना से लगातार बातचीत चल रही थी। श्रम विभाग को दिल्ली दुकान एवं स्थापना अधिनियम-1954 में बदलाव के निर्देश दिए गए थे। अब नियमों में बदलाव के साथ प्रस्ताव जल्द ही मंजूरी के लिए उपराज्यपाल को भेजा जाएगा। मौजूदा नियम के अनुसार महिलाओं को रात 8 या 9 बजे से सुबह तक की रात्रि पाली में काम करने की अनुमति नहीं है।

सीएम रेखा ने बताया कि महिला कल्याण हमारी प्राथमिकता है। नियमों में बदलाव से महिलाओं को आर्थिक आजादी मिलेगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा, तेलंगाना और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने की पहले से ही छूट है। महिलाओं को बिना डर या तनाव के काम करने का मौका मिलेगा। यह कदम दिल्ली को व्यापार और महिला सशक्तीकरण के मामले में अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

…लेकिन लिखित सहमति होगी जरूरी
नए नियमों के मुताबिक, नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए महिलाओं की लिखित सहमति जरूरी होगी। कार्यस्थल पर सीसीटीवी, सुरक्षा गार्ड, सुरक्षित परिवहन, रेस्ट रूम, टॉयलेट और लॉकर की व्यवस्था अनिवार्य होगी। यौन उत्पीड़न रोकथाम (पीओएसएच) अधिनियम के तहत शिकायत समिति बनानी होगी। वेतन का भुगतान बैंक या ईसीएस से, ईएसआई, बोनस, भविष्य निधि, साप्ताहिक अवकाश और ओवरटाइम का भुगतान भी सुनिश्चित करना होगा।

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