
अमेरिकी टैरिफ की टेंशन के बीच विदेशी निवेश के लिहाज से भारत के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल जापान, जो कि अमेरिका का करीबी मित्र देश है, भारत में बड़ा निवेश करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 अगस्त को 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जो जापान के नए प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ उनका पहला शिखर सम्मेलन होगा।
पीएम मोदी की यात्रा के दौरान जापान की ओर से भारत में बड़े निवेश की घोषणा की उम्मीद है। इसके अलावा दोनों देश रक्षा क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने के अलावा क्षेत्रीय भू-राजनीतिक बदलावों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करने पर भी चर्चा करेंगे।
कितने निवेश का हो सकता है ऐलान
जापान की ओर से भारत में 10 लाख करोड़ येन (68 बिलियन डॉलर या करीब 5.95 लाख करोड़ रु) के निवेश की घोषणा की जा सकती है, जो अगले एक दशक में किया जा सकता है। यह ऐलान साल 2022 में तय किए गए 5 ट्रिलियन येन के लक्ष्य का विस्तार करेगी, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और गहरा करने का संकेत है।
इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस
जापान के इस निवेश से पब्लिक और प्राइवेट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग करने और भारत की विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा टोक्यो और नई दिल्ली इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज और स्टार्टअप पर ध्यान देते हुए AI को-ऑपरेटिव इनिशिएटिव की भी घोषणा कर सकते हैं।अमेरिकी टैरिफ की टेंशन के बीच विदेशी निवेश के लिहाज से भारत के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल जापान, जो कि अमेरिका का करीबी मित्र देश है, भारत में बड़ा निवेश करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 अगस्त को 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जो जापान के नए प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ उनका पहला शिखर सम्मेलन होगा।