फायदे से लेकर नुकसान तक, क्यों जरूरी है आईटीआर

आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर है और आपके पास 36 घंटे से भी कम समय बचा है, इसलिए अभी आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है। और अगर आपने अभी तक ITR फाइल नहीं किया है, तो जल्दी-जल्दी फाइल करें। नहीं तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर आईटीआर भरने के फायदे-नुकसान क्या हैं, इसे भरना जरूरी क्यों है? अगर आप खुद ऑनलाइन भरना चाहते हैं तो इसका प्रोसेस क्या है? अगर आईटीआर नहीं भर पाए तो क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं? तो इस बारे में 10 पॉइंट्स में एक-एक डिटेल बता रहे हैं- प्रताप एंड एसोसिएट्स के सीए शैलेष प्रताप सिंह और सीए ज्योति तिवारी।

ITR क्या है, यह जरूरी क्यों, इसे कब भरना चाहिए?

ITR एक फॉर्म है, जिससे आप अपनी सालाना आय, टैक्स और निवेश की जानकारी सरकार को देते हैं।

इसे दाखिल करना इसलिए जरूरी है, ताकि सरकार के पास आपकी आय का आधिकारिक रिकॉर्ड रहे।

ITR लोन, वीज़ा, क्रेडिट कार्ड आदि के लिए इनकम प्रूफ का काम करता है।

आमतौर पर ITR की आखिरी तारीख 31 जुलाई होती है, लेकिन इस बार (AY2024-2025) में इसे 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दिया गया है।

कौन सा ITR Form मेरे लिए सही? कम से कम कितनी सैलरी वाले फाइल कर सकते हैं?

यह आपके आय के स्रोत पर निर्भर करता हैः

ITR-1: (सहज): सैलरी/पेंशन, एक मकान, अन्य आय (कुल आय ≤ ₹50 लाख)
ITR-2: एक से अधिक मकान, कैपिटल गेन, (शेयर, जमीन, मकान बेचने से) लेकर विदेशी आय तक
ITR-3: बिजनेस या प्रोफेशनल से होने वाली आय तक।
ITR-4: (सुगम): छोटे व्यापारी/प्रोफेशनल के तहत)।

ITR फाइल करना अनिवार्य है, अगर आपकी आय छूट सीमा (2.5 लाख रुपए, लाख लाख रुपए और 5 लाख रुपए…उम्र के अनुसार) से अधिक है।

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube