
किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी एक दर्दनाक स्थिति है जिसमें आहार और जीवनशैली पर सख्त नियंत्रण रखना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में सवाल रहता है कि क्या किडनी स्टोन के मरीज तला-भुना खा सकते हैं। तले हुए खाद्य पदार्थों में फैट और सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है। अधिक फैट का सेवन शरीर के पाचन तंत्र को बाधित करता है और पथरी की समस्या को और बढ़ा सकता है।
अधिक सोडियम (नमक) का सेवन किडनी पर अत्यधिक दबाव डालता है, जिससे मूत्र में कैल्शियम का उत्सर्जन बढ़ जाता है, जो पथरी बनने की प्रक्रिया को तेज कर देता है। इसलिए समोसे, पकोड़े, पूड़ियां, और चिप्स जैसे तले-भुने खाद्य पदार्थों से पूरी तरह परहेज करना चाहिए। इसके बजाय, स्टीम किए हुए, उबले हुए या हल्के भुने हुए भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए। आहार में किया गया यह बदलाव न केवल पथरी को दोबारा बनने से रोकेगा, बल्कि पथरी के कारण किडनी पर पड़ने वाले दबाव को भी कम करेगा।
नमक (सोडियम) और प्रोसेस्ड फूड्स से परहेज
किडनी स्टोन के मरीजों को सबसे पहले नमक (सोडियम) का सेवन कम करना चाहिए। अधिक सोडियम वाले आहार मूत्र में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ा देते हैं, जिससे कैल्शियम ऑक्सालेट पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए पैकेज्ड फूड्स, डिब्बाबंद सूप, अचार और सॉस से पूरी तरह परहेज करना चाहिए, क्योंकि इनमें सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है।
ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थ
पथरी कई प्रकार के होते हैं जिनमें एक पथरी का प्रकार कैल्शियम ऑक्सालेट है। ये पथरी का सबसे आम प्रकार प्रकार है। अगर आपको यही वाला पथरी है तो आपको ऑक्सालेट से भरपूर खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। इनमें मुख्य रूप से पालक, चॉकलेट, चुकंदर, और चाय का अधिक सेवन शामिल है। इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए और अगर करते भी हैं तो सीमित मात्रा में डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
रेड मीट और प्रोटीन का अत्यधिक सेवन
रेड मीट, समुद्री भोजन और मुर्गे में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है। शरीर में प्यूरीन के टूटने से यूरिक एसिड बनता है। अत्यधिक मांसाहार करने से यूरिक एसिड पथरी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में प्रोटीन का सेवन संतुलित रखें, अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन किडनी पर अतिरिक्त बोझ डालता है।
सॉफ्ट ड्रिंक और आर्टिफिशियल शुगर
कोल्ड ड्रिंक और सॉफ्ट ड्रिंक्स में फॉस्फोरिक एसिड और अधिक मात्रा में चीनी होती है। ये दोनों ही तत्व मूत्र में पथरी बनने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करते हैं। आर्टिफिशियल शुगर और फ्लेवर्ड जूस भी किडनी के स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते। इनके बजाय नींबू पानी या सादा पानी पीना सबसे फायदेमंद होता है।



