उत्तर प्रदेश

यूपी में बाढ़ से हाहाकार, कई नदियों में उफान

उत्तर प्रदेश में रामगंगा, राप्ती और घाघरा समेत कई नदियों के उफान के चलते 22 जिलों के करीब 1500 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं तथा पिछले 24 घंटे के दौरान प्राकृतिक आपदाओं में पांच लोगों की मौत हो गई। राज्य के राहत आयुक्त जी एस नवीन कुमार ने बताया कि रामगंगा, कुन्हरा, राप्ती, घाघरा, बूढ़ी राप्ती, रोहिन एवं क्वानो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। उत्तर प्रदेश के 22 जिलों लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, कुशीनगर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, बरेली, आजमगढ़, हरदोई, अयोध्या, बहराइच, बदायूं, फर्रुखाबाद, बस्ती, देवरिया, उन्नाव, पीलीभीत और श्रावस्ती के 1476 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।

24 घंटों में हुई 5 लोगों की मौत
जानकारी के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में राज्य में 6.3 मिलीमीटर वर्षा हुई है तथा एक जून से 14 जुलाई तक 239.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। राहत आयुक्त ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में बाढ़ के पानी में डूबने से चार लोगों तथा सांप के काटने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी। बाढ़ से प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीम तैनात की गई हैं। उनके अनुसार राज्य में अब तक 1829 बाढ़ राहत शिविर, 1476 बाढ़ चौकियां और 1145 मेडिकल टीम गठित/स्थापित की गई हैं। उन्होंने बताया कि अब तक कुल13026 व्यक्तियों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।

गंगा और यमुना का भी बढ़ा जलस्तर
वहीं, पहाड़ी और मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बारिश, बैराजों से छोड़े जा रहे पानी और यमुना की सहायक नदियों में बाढ से प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धी हो रही है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, पिछले 24 घंटे में शनिवार शाम 4 बजे से रविवार शाम 4 बजे के बीच गंगा और यमुना के जलस्तर में फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 0.56 सेंटीमीटर बढ़कर 78.08 मीटर, छतनाग 49 सेंटीमीटर बढ़कर 74.85 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 45 सेंटीमीटर बढ़ा 75.45 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से मलाक हरहर और बेली के बीच निर्माणाधीन सिक्स लेन ब्रिज के केबल वाले हिस्से का काम रोक कर दिया गया है। संगम क्षेत्र में निर्माणाधीन दशाश्वमेध घाट, किला घाट में निचले हिस्से मे भी काम भी प्रभावित हुआ है। शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक गंगा प्रवाह के लिए बनाया गया नया चैनल पानी में डूबने के साथ इसी के बगल में गंगा के ऊपर बन रहे रेलवे पुल का काम भी रोक दिया गया है।

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