Mohini Ekadashi 2025: कब है मोहिनी एकादशी, जानिए व्रत के नियम और महत्व

Mohini Ekadashi 2025: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मोहिनी एकादशी व्रत रखा जाता है, जिसका हिंदू धर्म में खास महत्व माना जाता है. इस साल मोहिनी एकादशी का व्रत 08 मई 2025 दिन गुरुवार को रखा जाएगा. ऐसे में अगर आप भी मोहिनी एकादशी का व्रत पहली बार रखने जा रहे हैं, तो आइए आपको बताते हैं कि मोहिनी एकादशी का व्रत कैसे करना चाहिए और मोहिनी एकादशी व्रत के क्या नियम हैं…ऐसे रखें मोहिनी एकादशी व्रत-

-मोहिनी एकादशी का व्रत करने के लिए सुबह जल्दी स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें.
-भगवान विष्णु की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें फूल, तुलसी के पत्ते, पीले वस्त्र और मिठाई से चढ़ाएं
-पूजा सामग्री में फल, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, चंदन, कलावा, घंटी, शंख, पीला कपड़ा, भगवान विष्णु की मूर्ति या फोटो, गंगाजल, घी, रूई, मिठाई, श्रृंगार का सामान, वस्त्र आदि शामिल करें.
-मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पंचामृत, फल और मिठाई का भोग लगाएं.
-भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है, इसलिए भोग में तुलसी के पत्ते अवश्य शामिल करने चाहिए.
-मोहिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए।
-पूजा करने के बाद आरती करनी चाहिए और भगवान को प्रसाद चढ़ाना चाहिए.

ये हैं व्रत के नियम-

-मोहिनी एकादशी व्रत के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए, केवल फल खाना चाहिए या पानी पीना चाहिए.
-एकादशी व्रत तीन दिन तक मान्य होता है, दशमी, एकादशी और द्वादशी.
-दशमी के दिन चने-मसूर की दाल, सागा तथा किसी दूसरे घर की कोई वस्तु नहीं खानी चाहिए.
-मोहिनी एकादशी के दिन कांसे के बर्तन में नहीं खाना या पीना चाहिए.
-मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी और तिल अर्पित करना चाहिए.

मोहिनी एकादशी का धार्मिक महत्व-

मान्यता है कि मोहिनी एकादशी के दिन पूजा-अर्चना करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. मोहिनी एकादशी के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.साथ ही उस व्यक्ति को जन्म-मरण के निरंतर चक्र से मुक्ति मिल जाती है. इसके अलावा मोहिनी एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के सभी कार्य पूरे हो जाते हैं.

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