MP विधानसभा में आज पेश होंगे भोपाल-इंदौर मेट्रोपॉलिटन समेत 6 विधेयक

मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही दो दिवसीय अवकाश के बाद सोमवार को फिर शुरू होगी। इस दौरान विपक्ष प्रदेश के आदिवासी जिलों में वन अधिकार के दावेदारों के प्रकरणों को खारिज किए जाने का मुद्दा प्रमुखता से उठाएगा। साथ ही, सदन में भोपाल-इंदौर मेट्रोपॉलिटन समेत छह महत्वपूर्ण विधेयक भी सदन के पटल पर रखे जाएंगे।

भोपाल और इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र से संबंधित विधेयक में दोनों शहरों के आसपास के क्षेत्र को प्रशासनिक ढांचे के अंंतर्गत लाने की तैयारी है। इस विधेयक के माध्यम से भोपाल के आसपास के विदिशा, सीहोर और राजगढ़ तथा इंदौर, देवास, उज्जैन के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर मेट्रोपॉलिटन रीजन घोषित किया जाएगा। यह प्रस्ताव शहरी विकास ओर योजनाओं को बेहतर क्रियान्वयन के उद्देश्य से लाया गया है। इसके अलावा कारखाना (संशोधन) विधयेक-2025, मध्य प्रदेश दुकान तथ स्थापना (संशोधन) विधेयक 2025, मध्य प्रदेश मोटरयान काराधान (संशोधन) विधेयक 2025, मध्य प्रदेश समाज के कमजोर वर्गों के लिए विधिक सहायता तथा विधिक सलाह (निरसन) विधेयक, 2025 और मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025 प्रस्तुत किया जाएगा।

इसके बाद नियम 138 के तहत नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, विधायक अजय सिंह और डॉ. हिरालाल अलावा प्रदेश के आदिवासी बहुल जिलों में वन अधिकार के दावेदारों के आवेदन निरस्त किए जाने से उत्पन्न स्थितियों की ओर राज्यमंत्री (वन) का ध्यान आकर्षित करेंगे। विधायक रमेश प्रसाद खटीक बिजली चोरी से जुड़े प्रकरणों में लोक अदालत के माध्यम से समाधान के बावजूद ब्याज राशि न हटाए जाने के विषय में ऊर्जा मंत्री से जवाब मांगेंगे। सदन में इस दौरान विधायकों द्वारा प्रस्तुत कुल 81 याचिकाएं प्रस्तुत की जाएगी। ये याचिकाएं प्रदेश के विभिन्न जिलों में सड़क, पुल, विद्युत व्यवस्था, पुलिस चौकी, स्कूल भवन और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं से जुड़ी हुई हैं।

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