MP में घर जाते समय प्रसूता को चालक ने बीच रास्ते में उतारा, रास्ते में नवजात की मौत

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के लुकवासा विकासखंड में संवेदनहीनता का स्तब्ध कर देने वाला एक मामला सामने आया है। रविवार को प्राथमिक अस्पताल में एक महिला ने सामान्य प्रसव से नवजात बच्ची को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा ठीक होने पर 12 घंटे बाद सोमवार को अस्पताल से छुट्टी देकर उसे घर भेज दिया गया।अस्पताल से जननी एक्सप्रेस घर के लिए रवाना हुई, लेकिन प्रसूता को चालक बीच रास्ते में ही छोड़कर चला गया। प्रसूता गोद में नवजात को लेकर धूप में 2 किमी तक पैदल चलकर घर पहुंची तो बच्ची की जान जा चुकी थी। महिला के पति ने चालक पर सात सौ रुपए वसूलने के आरोप भी लगाए हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है। जानकारी के अनुसार, फूलबाई (28) पत्नी सुआलाल अदिवासी निवासी ग्राम ऊदली को प्राथमिक अस्पताल लुकवासा प्रसव के लिए भर्ती कराया था। चार अक्टूबर को उसने सामान्य प्रसव से नवजात बच्ची को जन्म दिया। डिलेवरी के 12 घंटे बाद सुआलाल ने अस्पताल की नर्स से बातचीत कर छुट्टी करने की बात कही। जच्चा-बच्चा स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। घर जाने के लिए डायल 108 पर कॉल करके जननी एक्सप्रेस बुलाई गई। जननी एक्सप्रेस का चालाक ऊदली गांव से 2 किमी पहले ही जंगल में बीच रास्ते पर जच्चा-बच्चा को उतारकर चला गया। प्रसूता अपनी नवजात बच्ची को लेकर 2 किमी पैदल चलकर गांव पहुंची।

बच्ची के शरीर में हलचल नहीं होने पर वापस लुकवासा अस्पताल पहुंची। यहां डॉक्टर ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। प्रसूता के पति सुआलाल आदिवासी का कहना है कि खेतीबाड़ी का समय चल रहा है। इसलिए हमने खुद ही कहकर छुट्टी करा ली थी। जननी एक्सप्रेस का चालक आया और घर तक छोड़ने के एवज में 700 रुपए मांगे। किसी तरह घर तक सुरक्षित पहुंच जाएं, इसलिए उसे सात सौ रुपए दे दिए। सुआलाल के मुताबिक, जननी एक्सप्रेस का चालक हमें गांव से 2 किमी पहले ही रास्ते में उतारकर चला गया। जननी एक्सप्रेस के चालक का नाम सुनील जाटव बताया जा रहा है।

जननी एक्सप्रेस के जिला समन्वयक धनिश शर्मा का कहना है कि लुकवासा क्षेत्र में जननी एक्सप्रेस सुनील जाटव चलाता है। यदि उसने प्रसूता को छोडने के एवज में सात सौ रुपए लिए हैं तो हम इस मामले की जांच कराएंगे। रही बात बच्ची की मौत की तो एक ही दिन में प्रसूता को अस्पताल से छुट्टी देने का प्रावधान नहीं है। वहीं, बीएमओ डॉ. अलका त्रिवेदी का कहना है कि जननी एक्सप्रेस चालक को जच्चा-बच्चा को घर तक छोड़कर आना चाहिए था। यदि चालक बीच रास्ते में छोड़ने के बाद नवजात की मौत हुई है तो यह गंभीर लापरवाही है। इस मामले की जांच कराकर कार्रवाई करेंगे।

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