दवाओं को लेकर नया नियम, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

नकली दवाओं के फैलाव को रोकने और फार्मास्युटिकल सेक्टर में पारदर्शिता लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए नोटिफिकेशन का ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (AIOCD) और पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन (PCA) ने तहे दिल से स्वागत किया है। केंद्र सरकार ने शेड्यूल H2 के तहत टीकों, एंटीमाइक्रोबियल, नारकोटिक और साइकोट्रोपिक दवाओं और कैंसर रोधी दवाओं पर बारकोड और QR कोड आधारित ट्रेसेबिलिटी प्रणाली को अनिवार्य कर दिया है। इस प्रणाली से दवा के निर्माण से लेकर बिक्री तक की सारी जानकारी डिजिटल तरीके से ट्रैक की जा सकेगी, जिससे नकली या घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं की पहचान करना आसान होगा।

पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और संगरूर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश जिंदल और चेयरमैन प्रेम चंद गर्ग ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा और फार्मास्युटिकल उद्योग की विश्वसनीयता को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला देश में नकली दवाओं के बढ़ते खतरे को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

उन्होंने बताया कि AIOCD के अध्यक्ष जे.एस. शिंदे और जनरल सेक्रेटरी राजीव सिंघल ने भी इस नोटिफिकेशन को एक दूरदर्शी और ऐतिहासिक फैसला कहा है। उनके अनुसार, सरकार का यह कदम केवल नकली दवाओं के खिलाफ ही नहीं, बल्कि पूरे फार्मास्युटिकल सप्लाई चेन में विश्वास और पारदर्शिता बढ़ाने की ओर भी है।

नरेश जिंदल और प्रेम चंद गर्ग ने कहा कि यह प्रणाली देश के हर केमिस्ट, डिस्ट्रीब्यूटर और निर्माता को जोड़ेगी और दवाओं की ट्रेसेबिलिटी (Traceability) को सुनिश्चित करेगी। इससे किसी भी दवा की गुणवत्ता, मूल स्थान और आपूर्ति स्थिति के बारे में तुरंत जानकारी प्राप्त की जा सकेगी, जिससे दवा खरीदने वाले लोगों को विश्वसनीय उत्पाद प्राप्त होंगे।

उन्होंने आगे कहा कि AIOCD और PCA देश भर में 1.2 मिलियन से अधिक केमिस्टों के नेटवर्क के माध्यम से इस नए नियम को सुचारू तरीके से लागू करने में सरकार को पूरा सहयोग देंगे। इसके साथ ही, उन्होंने अपील की कि सरकार द्वारा रिटेलरों और वितरकों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण, जागरूकता और तकनीकी सहायता प्रदान की जाए, ताकि यह प्रणाली हर स्तर पर प्रभावी तरीके से काम कर सके।

नरेश जिंदल ने कहा कि अगर हर फार्मास्युटिकल रिटेलर इस प्रणाली को पूरी ईमानदारी से अपनाए, तो भारत की फार्मास्युटिकल सप्लाई चेन और अधिक पारदर्शी, भरोसेमंद और विश्व गुणवत्ता के मानकों के अनुकूल बन जाएगी।

अंत में प्रेम चंद गर्ग ने कहा कि यह कदम केवल उद्योग के लिए ही नहीं, बल्कि आम जनता की सुरक्षा और भरोसे के लिए भी एक बड़ी जीत है। उन्होंने सरकार के इस प्रयास के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का धन्यवाद किया और आशा व्यक्त की कि यह फैसला भविष्य में भारत को दुनिया के सबसे विश्वसनीय फार्मास्युटिकल बाजारों में से एक बनाने में सहायक साबित होगा।

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube