नियमित कक्षाओं से होता है छात्रों का विकास, उच्च शिक्षा संस्थानों में 75% उपस्थिति का नियम जरूरी

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि छात्रों का समग्र विकास तभी संभव है जब वे नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित हों। उन्होंने उच्च शिक्षा संस्थानों में 75% उपस्थिति नियम को लागू करने पर जोर दिया।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में 75 प्रतिशत उपस्थिति नियम लागू करना बेहद जरूरी है। उनका कहना है, कि इस नियम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बनी रहेगी, बल्कि शैक्षणिक अनुशासन भी सुनिश्चित होगा।

प्रयागराज स्थित प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जूभैया) विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में उन्होंने यह बात कही। राज्यपाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए जोर दिया कि नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित रहना उनके समग्र विकास की कुंजी है।

छात्रों को उपस्थिति और सशक्तिकरण का संदेश
उन्होंने कहा, “शिक्षा की गुणवत्ता और अनुशासन बनाए रखने के लिए अनिवार्य 75 प्रतिशत उपस्थिति बेहद जरूरी है।” उन्होंने छात्रों से चुनौतियों का सामना “डरने के बजाय समस्या-समाधान के नजरिए” से करने का आह्वान किया।

राजभवन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, राज्यपाल ने स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक प्राप्त करने वाले 187 विद्यार्थियों को बधाई दी, जिनमें स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के 56 स्वर्ण पदक विजेता शामिल हैं।

पदक प्राप्तकर्ताओं में महिलाओं के महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा कि समाज महिला सशक्तिकरण की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।


विद्यार्थियों से देश की प्रगति में भागीदारी की अपील
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने परिवारों से आगे बढ़कर राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दें और पद्म पुरस्कार विजेताओं से प्रेरणा लें।

राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने भी समारोह को संबोधित किया और विद्यार्थियों से भारत के विकास और प्रगति के लक्ष्यों में सक्रिय योगदान देने का आग्रह किया।

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